भोपाल :( नुजहत सुल्तान ) शहर के सरकारी अस्पतालों में करीब 13 हज़ार डॉक्टर्स अपनी मांगों को लेकर सुबह 8 से 12:30 बजे तक हड़ताल पर थे | मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हड़ताल खत्म कराने की ज़िम्मेदारी चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग को सौंपी | मंत्री ने डॉक्टरों को उनकी मांगों के लिए हाई पावर कमेटी गठित करने का आश्वासन दिया, यह कमेटी डॉक्टरों की मांगों पर विचार करेगी और सरकार को रिपोर्ट भेजेगी सरकार दिए गए सुझावों पर विचार कर समय सीमा में निर्णय लेगी | यह आश्वासन मिलने के बाद डॉक्टरों ने शुक्रवार दोपहर 12:30 बजे हड़ताल खत्म कर दी | सुबह 8 से दोपहर 12 बजे तक एक साथ 13 हज़ार डॉक्टर्स हड़ताल पर जाने से सरकारी अस्पतालों का माहौल कुछ ऐसा हो गया था कि हमीदिया, जेपी, काटजू के अलावा गैस राहत अस्पतालों की ओपीडी से करीब 4000 मरीज बिना इलाज के वापस चले गए, इधर हमीदिया अस्पताल में शुक्रवार को होने वाले 50 ऑपरेशन टालना पड़े | वार्डों में मरीजों को देखने के लिए कंसल्टेंट भी नही पहुंचे मरीजों की छुट्टी नहीं की गई | हड़ताल के चलते हमीदिया में कार्डियोलॉंजी विभाग में पाँच मरीजों की एंजियोग्राफी व दो मरीजों की एंजियोप्लास्टी टाल दी गई, मेडिकल टीचिंग वर्क भी प्रभावित हुआ | जिन लोगों को शुक्रवार को जाँचे कराने के लिए बुलाया था, उनकी कोई भी जांच नहीं की गई | ईसीजी कराने वाले मरीज भी मायूस लौटे लोग इलाज के लिए एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल मे भटकते रहे लेकिन दूसरे सरकारी अस्पतालों में भी यही हाल था | जेपी अस्पताल में परिजनों को खुद ही स्ट्रेचर खींचना पड़ा यहां ओपीडी में डॉक्टर्स के केबिनों में सन्नाटा पसरा था गैस राहत अस्पतालों में भी यही हाल था | शनिवार को सभी अस्पतालों में इलाज की व्यवस्था समान्य दिनों की तरह रहेगी |
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