भोपाल :( नुजहत सुल्तान ) कैंसर की 50 प्रकार की जांच करने में सक्षम गामा कैमरा हमीदिया अस्पताल में 15 जून 2015 को लगाया गया था, इसमें करीब साढ़े चार करोड़ रु. खर्च हुए थे, दिसंबर साल 2017 में तत्कालीन डिपार्टमेंट प्रमुख डॉ. करण पीपरे के रायपुर एम्स में जाने के बाद कैंसर जांच बंद हो गई थी, ऐसा इसलिए क्योंकि सोर्स का लाइसेंस उनके नाम पर दर्ज था, उनके जाने के बाद सोर्स आना बंद हो गया था इसके बाद सोर्स के लिए केंद्र को पत्र लिखा था इसके बाद दोबारा सोर्स आने लगा था, इसके बाद साल 2019 की शुरुआत में यह कैमरा फिर बंद हो गया जिसके बाद तीन साल तक बंद रहा साल 2021 अंत में तीन साल तक बंद रहने के बाद इसके मेंटेनेंस पर करीब 30 लाख रु. खर्च हुए थे, लेकिन अब 6 महीने से यह मशीन बंद पड़ी हुई हैं | इसके बंद होने के कारण रोजाना कैंसर के 10 से 12 मरीज बिना इलाज के वापस चले जाते हैं | अभी तक इस कैमरे से सिर्फ 2 से 3 हज़ार मरीजों की ही जांच की गई हैं | हमीदिया अस्पताल में रोजाना लगभग 14 कैंसर के मरीज इलाज के लिए पहुँच रहे हैं | लेकिन इन्हें मायूस होकर लौटना पड़ रहा हैं |
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