भोपाल :(नुजहत सुल्तान ) भोपाल के जेपी अस्पताल में एक के बाद एक गड़बड़ी नज़र आ रही हैं, जेपी अस्पताल से 11 मेडिकल ऑफिसरों को अलग-अलग जिम्मेदारियां सौंप कर उन्हे इधर-उधर किया गया हैं | जिन मेडिकल ऑफिसरों का प्रमोशन हुआ हैं, उनमें छह ऐसे थे जिन्हें इमरजेंसी संभालने का सालों पुराना अनुभव था | इनके जाने के बाद इमरजेंसी देखने का जिम्मा एमबीबीएस करके आए बॉन्डेड डॉक्टरों पर आ गया हैं | दरअसल सरकार द्वारा बनाए गए स्वास्थ्य विभाग में पब्लिक हेल्थ मैनेजमेंट कैडर बनाया गया हैं | जिसके तहत प्रदेशभर में 328 मेडिकल ऑफिसरों को प्रमोट किया गया हैं इस कारण राजधानी सहित प्रदेश के जिला अस्पतालों सहित सीएचसी, पीएचसी, सिविल अस्पताल और सिविल डिस्पेंसरी में डॉक्टरों की कमी आ गई हैं | अभी हालात यह हैं कि इमरजेंसी में ड्यूटी करने वाले डॉक्टरों में सिर्फ चार ही अनुभवी डॉक्टर हैं, बाकी सभी बॉन्डेड डॉक्टर हैं | जबकि इमरजेंसी में अधिकतर गंभीर मरीज ही आते हैं जिनके लिए डॉक्टरों का अनुभवी होना बहुत ज़रूरी हैं लेकिन यहां अनुभवहीन डॉक्टरों के भरोसे हैं गंभीर मरीज |
स्वास्थ्य से जुड़े जानकारों का कहना हैं कि पब्लिक हेल्थ मैनेजमेंट कैडर बनाने की मांग और प्रक्रिया सालों से चल रही थी जिम्मेदारों को चाहिए था कि कैडर बनाकर प्रमोशन देने से पहले विभाग मे मेडिकल ऑफिसर की भर्ती कर लेते तो प्रमोशन होने के बाद भी अस्पतालों में अनुभवी डॉक्टरों की कमी नहीं होती |