भोपाल :( नुजहतसुलतान ) शहर को टीबी मुक्त करने के लिए घर घर जाकर दवाएं खिलाने का अभियान तो चलाया गया लेकिन फिर भी टीबी के मरीज अधिक मिल रहे हैं | शहर में अभी भी 234 मरीज एमडीआर टीबी से पीड़ित हैं | इससे भी ज़्यादा हैरत की बात यह हैं कि इनमें 49 मरीज ऐसे भी हैं जिन्हें पहली जांच में एमडीआर टीबी पाया गया हैं | इसका कारण यह हो सकता हैं कि या तो इन मरीजों ने इलाज पूरा होने से पहले दवाएं लेना बंद की फिर दोबारा दवाएं खाई और फिर छोड़ दी, लेकिन यह सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज ही नहीं हुए जब इनकी जांच की गई तो इनमें एमडीआर टीबी पाया गया | हालांकि जिला टीबी केंद्र के जिम्मेदार इसके लिए एमडीआर टीबी ग्रसित मरीज से संक्रमित होना बता रहे हैं शहर मे कुल टीबी मरीजों की संख्या 6078 हैं | टीबी के सबसे अधिक मरीज शहर के डीआईजी बंगला, कैंची छोला, गैस पीड़ित बस्ती, नारियल खेड़ा, करोंद सहित आस पास के इलाकों में सबसे ज़्यादा 1328 यानि 22 प्रतिशत मरीज हैं | दूसरे नंबर पर ईदगाह हिल्स और उससे लगा बरेला गाँव, संजय नगर, बाजपेयी नगर क्षेत्र में 1250 मरीज हैं | जबकि सबसे कम मरीज 151 गांधी नगर और 163 मरीज मिसरोद इलाक़े में हैं | शहर को टीबी मुक्त करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं इसके लिए एक्टिव केस फ़ाइंडिंग के तहत घनी आबादी वाले इलाकों और झुग्गी बस्ती क्षेत्रों में डोर टू डोर सर्वे कराया जा रहा हैं | जनरल स्क्रीनिंग के तहत मरीज के संपर्क में आने वाले परिजनों की भी जांच कराई जा रही हैं | एनआरसी में भर्ती होने वाले प्रत्येक कुपोषित बच्चों की भी जांच कराई जा रही हैं | वृद्धाश्रमों में रहने वाले तमाम बुजुर्गों की टीबी जांच कराना आवश्यक किया गया हैं |
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