ग्वालियर : ईओडब्ल्यू की जांच में हुए खुलासे में यह बात साफ नज़र आ गई हैं कि ढाई करोड़ से ज़्यादा कीमती ज़मीन को तहसीलदार, नायब तहसीलदार और पटवारियों ने खुदबुर्द कर दिया | 2010 से 2016 तक तहसीलदार प्रदीप शर्मा, भरत कुमार, भूदेव महोबिया व सर्वेश यादव 2013 से 14 तक नायब तहसीलदार थे, उनके साथ पटवारी हाकिम सिंह यादव, माखन अर्गल व उप – पंजीयन आरएन शाक्य ने कलेक्टर की फर्जी अनुमति पत्र बनाकर सरकारी ज़मीन का पट्टा आवंटन के नाम पर 10 लोगों को बेची | पटवारी माखन अर्गल जहां पदस्थ रहा वहां पत्नी के नाम से ज़मीन के पट्टे कराए | ईओडब्ल्यू ने बुधवार को खुलासा कर 13 पर मामला दर्ज किया हैं |
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