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आदिवासी युवती की मौत पर हुए हंगामे में बे मौत मारा गया भेरुलाल काम से घर लौटा था पुलिस की गोली लगने से हुई मौत |

इंदौर : आदिवासी युवती की मौत पर डोंगरगांव में हँगामा बरपा एक आदिवासी युवती की करंट लगने से हुई मौत पर परिजनों ने सवाल खड़े कर दिए हैं मृतक युवती को यदि करंट लगा था तो उसके सीने पर रॉड से जलने के निशान कैसे आए ? पुलिस ने इस मामले में 10 घंटे तक केस दर्ज नहीं किया सुबह 11 बजे की घटना की एफआईआर पुलिस ने रात नौ बजे लिखी | आरोपी खुद युवती को महू अस्पताल लेकर गया और डोंगरगाँव पुलिस को खबर कर दी, युवती की मौत के बाद आरोपी भी थाने  चला गया तब तक पुलिस ने सिर्फ मर्ग कायम किया था, शाम 6 बजे जब युवती के परिजन और आदिवासी समाज के लोग हत्या का प्रकरण दर्ज करने की मांग को लेकर थाने पहुंचे तो पुलिस ने उन्हें खदेड़ दिया बाद में वो और ज़्यादा लोगों के साथ पूरी तैयारी से थाने पहुंचे और थाने के सामने चक्काजाम कर दिया | थाने पर पथराव कर गाडियां फोड़ दी | पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए लाठीचार्ज किया, आँसू गैस  के गोले छोड़े, गोलियां भी चलाई | उसी समय काम से घर लौट रहे भेरुलाल हँगामा देखकर रुक गया भेरुलाल का घटना से कोई लेना देना नहीं था, भेरुलाल रोज की तरह रात 8 बजे काम से घर लौट रहा था रास्ते में भीड़ देखकर रुक गया तभी अचानक पुलिस की बंदूक से निकली गोली भेरुलाल के पेट को छलनी कर गई उसके दोस्त ने फोन कर भाई को बताया कि भेरु के गोली लग गई एक कपड़े से उसका पेट बांधकर उसका भाई खुद उसे मोटरसाइकिल से महू अस्पताल ले गया वहां से डॉक्टरों ने एमवॉय इंदौर भेजा, लेकिन उससे पहले ही उसकी मौत हो गई | युवक के परिजनों को सरकार ने 10 लाख की मदद दी हैं, भाजपा ने मृतक के परिजन को नौकरी, पीएम आवास का भी आश्वासन दिया हैं | कांग्रेस ने कहा कि क्या 10 लाख देकर आदिवासी की मौत की कीमत लगाई गई हैं ? कम से कम एक करोड़ की मदद देनी चाहिए थी, कानून व्यवस्था संभालने में सरकार फेल हैं, सीबीआई जांच होनी चाहिए | विधान सभा मे भाजपा कांग्रेस के बीच आरोपों का दौर जारी रहा, कांग्रेस ने आदिवासियों पर अत्याचार रोकने में सरकार को असफल बताया हैं | भेरुलाल के गोली  लगने की एक वजह पुलिस की लापरवाही भी हैं अगर पुलिस घटना के फौरन बाद ही कार्रवाई शुरू कर देती तो यह नौबत नहीं आती लेकिन पुलिस ने घटना के 10 घंटे बाद रात 9 बजे आरोपी यदुनंदन के खिलाफ धारा 302 का मुकदमा दर्ज किया |

 

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प्रधान संपादक समाचार संपादक
सैफु द्घीन सैफी डॉ मीनू पाण्ड्य
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