भोपाल : राज्य सरकार ने 2018 में युवाओं को रोजगार देने के लिए 15 ज़िला रोजगार कार्यालयों का काम निजी कंपनियों को दिया था, यह काम यशस्वी अकेडमी फॉर टेलेंट मैनेजमेंट महाराष्ट्र को दिया गया | जिसने दो साल में 4421 युवाओं को काम दिलवाया और 4 करोड़ 17 लाख 75 हज़ार रु. सरकार से फीस ले ली | इस हिसाब से एक बेरोजगार को नौकरी दिलवाने के लिए 9450 रु सरकार से वसूले जबकि नौकरी 7 हज़ार से 10 हज़ार रु. महीने की दिलवाई | कंपनी को दो साल मे 67848 युवाओं को रोजगार दिलाना था, यह जानकारी खेल युवा कल्याण, कौशल एवं रोजगार मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने विधानसभा में एक सवाल के जवाब में दी | उन्होने बताया कि कंपनी को हर साल 35 हज़ार युवाओं को रोजगार देने का टारगेट दिया गया था, 6 महीने में 35 हज़ार युवाओं को नौकरी दिलाना था | लेकिन 25 हज़ार बेरोजगार युवाओं को रोजगार दिलाने का अनुबंध किया गया और 11680 युवाओं को रोजगार देना बताया गया जांच की गई तो पता चला कि 4421 युवाओं को रोजगार मिला हैं | इस तरह तो बेरोजगारों को नौकरी दिलाना भी कंपनियों के लिए रोजगार का जरिया बन गया हैं |
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