भोपाल/नई दिल्ली : ओलावृष्टि के कारण बर्बाद हुई फसल ने किसानों की कमर तोड़ दी हैं सभी किसान लहलहाती हुई फसल को बर्बाद होता देख चिंताजनक हो गए हैं | इस महीने हुई दो दौर की बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों की 25% से 65% तक फसल खराब कर दी हैं | भोपाल के आसपास के गांवों में इसकी हक़ीक़त जानी तो पता चला कि 7-8 एकड़ वाले खेत में फसलें आड़ी पड़ी हैं दाने गल गए हैं | गोरागांव के इंद्रजीत चंदेल के परिवार में 14 लोग हैं, इनकी 10 एकड़ जमीन में फसल लगी थी, 7 एकड़ में गेहूं पूरी तरह बैठ गया जितनी लागत उन्होने फसल में लगाई थी वे सारी डूब गई | अब इस खराब फसल को हटाने के लिए उससे ज़्यादा पैसे लगाने पड़ेंगे | यदि इस फसल को नहीं काटा तो दूसरी फसल नहीं ले पाएंगे काटने के बाद भी मुश्किल से 25 से 30% ही फसल निकल पाएगी | इस गाँव के सिद्धलाल मीना बताते हैं कि 3 एकड़ में अच्छी फसल आई थी, इस बार कर्ज पूरा अदा हो जाता, लेकिन बारिश में 40% फसल तबाह हो गई | मुगालिया छाप के 62 वर्षीय शेख लाल की नाथूखेड़ी में तीन एकड़ जमीन हैं इनके खेत में गेहूं की एक भी बाली नहीं बची | पूरी फसल बैठ गई शेख कहते हैं कि हमें तो आज तक मुआवजा नहीं मिला, पटवारी भी आज तक नहीं आया बेमौसम की इस बारिश ने 7 राज्यों में 21लाख हेक्टेयर में फसल चौपट कर दी हैं फसल बर्बाद होने से लागत तो दूर की बात हैं छोटे किसानों के खाने के भी लाले पड़ जाएंगे |
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