भोपाल : पीडब्ल्यूडी के प्रभारी प्रमुख अभियंता नरेंद्र कुमार पर आरोप हैं कि जब वे 2014-17 के बीच मप्र सड़क विकास निगम में चीफ इंजीनियर थे, तब सड़क निर्माण के लिए उपयोग में आने वाले रोड मटेरियल की 115 जांचे कराई, जिसमें 72 मटेरियल की जांच का काम बेटे राकेश वर्मा एवं रिश्तेदारों की निजी फर्म मेसर्स द स्केल इंफो मैट्रिक्स एंड डाटा कलेक्शन प्राइवेट लिमिटेड को दिया यहां भी एनबीएल मटेरियल टेस्टिंग लेबोरेटरी हैं,जहां पद का दुरुपयोग कर नरेंद्र ने ठेकेदारों और कंसल्टेंट पर दबाव डालकर कंपनी के फ़ेवर में काम दिलवाया | उन्होने यह दबाव एमपीआरडीसी, पीआईयू और डायरेक्टर एनडीबी के रहते हुए डाला | इस फर्म से एमपीआरडीसी ने सड़कों की रफ़नेश की जांच का काम करवाया और लाखों का फायदा पहुंचाया इस संबंध में विभाग को मिली शिकायत में दस्तावेज़ भी लगाए हैं, इस मामले में जांच धीमी होने पर मुख्यमंत्री सचिवालय हाल ही में विभाग को कड़ी फटकार लगा चुका हैं, इसके बाद पीडब्ल्यूडी ने जांच करवाई और मामला जीएडी को सौंप दिया हैं |
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