सागर : फरवरी में भोपाल से 10 सदस्यीय दल आया जिसने सागर संभाग के पीडब्ल्यूडी – पीआईयू के काम की जांच की, टीम ने बुंदेलखंड के 40 कामों का निरीक्षण किया तो 28 सड़क और 2 भवनों के निर्माण में कुल 62 कमियाँ सामने आईं | जांच रिपोर्ट में सागर जिले की 7 सड़क और 2 भवन के निर्माण में गड़बड़ी देखने को मिली | पन्ना जिले की भी 7 सड़कों में कमी पाई गई, इसी तरह टीकमगढ़, दमोह, छतरपुर, की सड़कों में भी खामियाँ पाई गई, कहीं मोटाई कम, कहीं सड़कों के शोल्डर नहीं भरे, कहीं मटेरियल ठीक नही, कहीं सड़क निर्माण में नियमों का पालन ही नहीं हुआ कहीं डामरीकरण घटिया क्वालिटी का होने से किनारे से यह उखड़ने लगी हैं, पुल पुलिया के काम में फिनिशिंग नही, पानी के रास्ते साफ नहीं, काम की गति धीमी हैं, कांक्रीट के काम में एक बराबर की गिट्टी का उपयोग किया जा रहा हैं, कल्वर्ट के लिए फेसवाल की ऊंचाई एक समान नहीं हैं, पीडब्ल्यूडी की प्रदेश स्तरीय जांच रिपोर्ट में ऐसे शब्दों की भरमार हैं | जांच दल में प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग भोपाल, अतिरिक्त परियोजना संचालक ग्वालियर, सहित सभी विभाग के अभियंता संभागीय प्रबंधक एमपीआरडीसी व एसडीओ व उपयंत्री शामिल रहे इनहोने 9 फरवरी को जांच की रिपोर्ट दी | अब सवाल यह उठता हैं कि इन खामियों के लिए कौन ज़िम्मेदार हैं ? इन जिम्मेदारों पर क्या कार्रवाई की जाएगी ? मंत्री के गृह जिले में ऐसी अनियमितता उचित नहीं हैं, इसके लिए कौन जिम्मेदार हैं ? मंत्री जी को इस संबंध में क्यों नही बताया ?
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