इंदौर : इंदौर के पटेल नगर स्थित बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर में गुरुवार को एक दर्दनाक हादसा हुआ इस हादसे में 30 लोगों की जान चली गई हुआ यूं कि मंदिर परिसर में एक बावड़ी बनी हैं यह बावड़ी 200 साल पुरानी हैं जिस पर 30 साल पहले सरिया और सीमेंट बिछाकर फ़र्शी डाल दी गई थी, इतने सालों से यहाँ श्रद्धालु आकर पूजा पाठ करते थे इसी बावड़ी की छत पर हवन पूजन होता था, लेकिन कभी किसी को इस बावड़ी के बारे में पता नहीं चला | जिस बावड़ी की छत पर बैठकर श्रद्धालु पूजा पाठ करते थे उसके नीचे 60 फीट गहराई थी, रोज़ की तरह गुरुवार को भी सुबह 11:15 बजे करीब 50 श्रद्धालु यहाँ हवन पूजन कर रहे थे तभी अचानक बावड़ी की छत धंस गई और 60 फीट गहरी बावड़ी में श्रद्धालु जा गिरे जिसमें 4 से 5 फीट गंदे नाले का पानी भरा हुआ था, लोग मलबे के साथ पानी में गिरे और छत में बिछाए गए सरिये से घायल हो गए | चीख पुकार मच गई इनमें ज़्यादातर महिलाएं थी | गहराई अधिक होने के कारण कोई बचाने भी नहीं उतर पा रहा था | 20 मिनट बाद पटेल नगर के रहवासी ही इंतेजाम कर बावड़ी में उतरे और लोगों को बाहर निकालने में जुटे 45 मिनट बाद जब पुलिस और एसडीआरएफ की टीम पहुंची तब रेसक्यू शुरू हो पाया इस दौरान 11 लोग दम तोड़ चुके थे, बावड़ी से सुबह 11 शव निकाले गए जबकि, आर्मी और एनडीआरएफ ने रात 12 से 1:30 बजे तक 16 शव और निकाले | बाकी तीन मौतें अस्पताल में हुईं 18 जाने बचा ली गई | सबसे पहले मौके पर पहुंची पुलिस के पास बावड़ी में उतरने के लिए रस्सी तक नहीं थी, फायर ब्रिगेड की रोप लाइडर से नीचे उतरे | बावड़ी में पानी खाली करने के लिए नगर-निगम को व्यवस्था करने में 4 घंटे से अधिक समय लगा | इंदौर में कुल 629 बावड़ियां हैं लेकिन यह बावड़ी सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज नहीं थी, निगम अधिकारियों को इसकी जानकारी तक नहीं थी, बावड़ी के चारों ओर टीन - शेड लगाकर दीवार खड़ी कर दी गई थी, पिछले साल मंदिर ट्रस्ट को नोटिस जारी हुआ था जिसके जवाब में ट्रस्ट ने बावड़ी खोलने की बात भी कही थी |
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