भोपाल :( नुजहत सुल्तान ) नगर निगम की गोवर्धन परियोजना का मैदानी अमला जिसकी ज़िम्मेदारी सड़कों से आवारा मवेशियों को पकड़कर कांजी हाउस में बंद करने की हैं, लेकिन निगम का मैदानी अमला इन मवेशियों को पकड़ने में कोई रुची नहीं ले रहा हैं, यही कारण हैं कि इन आवारा मवेशियों को कांजी हाउस से छोड़ने पर लगने वाला जुर्माना जो 2010 में 14 लाख से भी अधिक था, वह घटकर अब 5 लाख रु. आ गया हैं | 1 अप्रैल 2022 से 31 मार्च 2023 में वसूले गए जुर्माने की जानकारी का उल्लेख खुद नगर-निगम ने अपने प्रतिवेदन में किया हैं | वो पशु मालिकों से सांठगांठ करके महीना बंदी वसूल रहे हैं इसकी पुष्टि पिछले दिनों वायरल हुए ऑडियो से भी हुई थी यही नहीं आवारा गोवंश के अलावा दर्जनों भैंसे सालों से सड़क पर तय समय और तय रूट से तय स्थानों पर आना जाना करती हैं इनके कारण न सिर्फ जाम की स्थिति बनती हैं बल्कि हादसे होने का भी डर रहता हैं | फिर भी नगर निगम का अमला इसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करता हैं | मवेशियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए बीते 12 सालों में कांजी हाउस की क्षमता बढ़ाकर 1030 की गई हैं मवेशियों को पकड़ने वाले कर्मचारियों की क्षमता 45 से बढ़ाकर 85 की गई हैं | वाहनों की संख्या 5 से बढ़ाकर 7 कर दी गई हैं फिर भी सड़कों पर आवारा घूम रहे मवेशियों की संख्या में कोई कमी नज़र नहीं आई हैं |
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