भोपाल : दरअसल बच्चों को लगने वाला एमआर टीके का पहला डोज़ 9 महीने और दूसरा डोज़ 13 साल की उम्र में लगाया जाता हैं लेकिन वार्ड 23 में 2 साल 6 माह, वार्ड 42 में 13 महीने तो वार्ड 60 में 3 साल 6 महीने के बच्चों को मीजल्स रूबेला ( एमआर ) का एक भी डोज़ नहीं लगा था, ऐसे में एएनएम को इस संबंध में अपने वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित करना चाहिए था, जिला टीकाकरण अधिकारी की ओर से मामले की जांच की गई, लेकिन जांच में इनकी ओर से अपनी ज़िम्मेदारी का निर्वहन नहीं करना पाया गया | जब यह मामला पकड़ में आया तो एएनएम की लापरवाही मिलने और संजोषजनक जवाब नहीं दिए जाने पर एनएमएच की और से तीनों अलग-अलग मामलों की दोषी तीनों एएनएम वार्ड 23 की शशिकला प्रजापति, वार्ड 42 की अनीता नागोत्रा और वार्ड 60 की उमा मेहरा की सेवा समाप्ती कर दी गई हैं | गौरतलब हैं कि एएनएम को एनएचएम की और से एक साल के लिए संविदा अनुबंध पर रखा गया हैं | हर साल इनका अनुबंध बढ़ाया जाता हैं लेकिन इन तीनों एएनएम को टीके में लापरवाही बरतना भारी पड़ गया इन तीनों को छोड़कर बाकी सभी एएनएम का अनुबंध आगे बढ़ाया गया हैं |
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