श्रीनगर : किरण पटेल जिसने खुद को पीएमओ का अफसर बताकर बड़े बड़े अफसरों से करोड़ों रुपए एंठे किरण ने जम्मू यात्रा के दौरान कई आईएएस और जम्मू कश्मीर एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस के अफसरों को ठगा हैं, कुछ अफसरों से अच्छी पोस्टिंग का वादा किया, तो अन्य को कमीशन के बदले बड़ी राशि दिलाने की बात कही कुछ को उसने बड़े प्रोजेक्ट दिलाने और दिल्ली में सत्ता के गलियारों तक पहुँच का झांसा देकर अफसरों से बड़ी रकम ठगी | किरण को दो लोगों की मदद मिली जिनकी पहुँच सत्ता के गलियारों तक थी, ये गुजरात के सीएम ऑफिस के पूर्व पीआरओ हितेश पंडया का बेटा अमित और एक अन्य व्यक्ति हैं | किरण अक्टूबर 2022 से मार्च 2023 के बीच 4 बार कश्मीर आया, एक यात्रा के दौरान उसने पुलवामा के डीसी बसीर चौधरी को राष्ट्रीय पुरस्कार दिलाने का वादा किया संयोग से बसीर को टीबी उन्मूलन पर वाराणसी में 24 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पुरस्कार मिला भी लेकिन यह कोई नहीं जानता कि उसने इसमें भूमिका निभाई या नहीं | अक्टूबर में पहली यात्रा के दौरान किरण को सुरक्षा दी गई थी, बसीर ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जुल्फिकार को फोन किया उसने ही उसे बुलेटप्रूफ वाहन, एसकॉर्ट वाहन और एक दर्जन से अधिक सुरक्षाकर्मियों की सुरक्षा मुहैया कराई इस मामले में दोनों से पूछताछ की गई हैं | साथियों से अनबन ही किरण की गिरफ्तारी की वजह बनी किरण को 2 मार्च को गिरफ्तार किया गया लेकिन पुलिस ने 16 मार्च तक इसका खुलासा नहीं किया | पुलिस को लगा कि उसने बहुत बड़ी मछली को पकड़ा हैं, इसलिए वह यही गणित लगाती रही कि क्या करे क्या न करे ऊपर से उसे छोड़ने का दबाव भी डाला जा रहा था लेकिन पुलिस ने उसे कोर्ट में पेश कर दिया |
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