ग्वालियर : मप्र हाई कोर्ट की ग्वालियर बेंच में 29 मार्च को सरकारी वकीलों की नियुक्ति के संबंध में आदेश जारी किए गए हैं, मप्र हाई कोर्ट की ग्वालियर बेंच ने सरकारी वकीलों के रवैये को लेकर ख़ासी नाराजगी जताई गुरुवार को एक जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस दीपक अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश सरकार ने अक्षम लोगों को सरकारी वकीलों के पद पर नियुक्त कर दिया हैं | कोर्ट ने भोपाल स्थित लॉं सेक्रेटरी को इस मामले में उपयुक्त कदम उठाने के निर्देश दिए हैं | दरअसल, शिवपुरी निवासी अभिषेक रावत ने तीसरी बार अग्रिम जमानत याचिका प्रस्तुत की थी, उसके खिलाफ कोलारस ( शिवपुरी ) थाने में अपहरण दुष्कर्म सहित विभिन्न धाराओं में केस दर्ज हैं | सुनवाई के दौरान सरकारी वकील कोर्ट के सवालों का संतोषजनक जवाब नहीं दे सके | इस पर जस्टिस अग्रवाल ने कहा कि हैरत की बात यह हें कि कोर्ट को मामलों की सुनवाई के दौरान काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता हैं | क्योंकि प्रदेश सरकार ने अक्षम लोगों को सरकारी वकील बना दिया हैं ये न तो सही ठंग से बहस करते हैं और न ही कोर्ट की मदद करते हुए मामले से जुड़े सारे तथ्य प्रभावी तरीके से प्रस्तुत करते हैं | और कई मामलों में तो सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील गैर हाजिर रहते हैं | ऐसे में मप्र लॉं सेक्रेटरी इस मामले को देखें और अक्षम सरकारी वकीलों की नियुक्ति के संबंध में उचित कार्रवाई करें |
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