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नगर – निगम गोवंश के शव दफनाने के बजाय आदमपुर खंती में फेंक रहे आसपास के पाँच गाँव वालों का बदबू के कारण सांस लेना भी मुश्किल |

भोपाल :( नुजहत सुल्तान ) नगर-निगम का अमला रोजाना आदमपुरखंती में 30 से भी ज़्यादा मवेशियों के शव फेंकता हैं इनमें सबसे अधिक गोवंश होते हैं कचरे में इस तरह से फेंके गए मवेशियों के शव से असहनीय बदबू दूर दूर तक फैलती हैं जिससे आसपास के पांच गांवों के रहवासियों का खाना पीना  यहाँ तक की सांस लेना भी मुश्किल हो  जाता हैं | खंती से दक्षिण दिशा में जंगल और पहाड़ हैं पूरब में पड़रिया, पश्चिम में कोलुआ, आदमपुर और उत्तर में हरिपुरा /अर्जुन नगर हैं | जब हवा का  रुख दक्षिणी होता हैं तो सब ठीक हैं, लेकिन हवा का रुख दक्षिण से बदला और जिस दिशा का हुआ, उस दिशा में पड़ने वाले गाँव में दुर्गंध फैल जाती हैं खंती में 50 मवेशियों के शव और 400 मवेशियों के कंकाल पड़े हैं | जबकि मृत मवेशियों को फेंकने के बजाय दफनाने की प्रक्रिया तय हैं फिर भी मवेशियों को खुले में फेंका जा रहा हैं | दरअसल, इनके दफनाने की प्रक्रिया महंगी पड़ती हैं क्योंकि शव को 5 फीट गहरा गड्डा खोदकर उसमें मवेशी के शव को नमक की लहर के बीच रखकर मिट्टी से ढंका जाना चाहिए इसमें शव गल जाता हैं और दुर्गंध भी नहीं आती लेकिन, इस प्रकार से शवों का दफन करना न सिर्फ महंगा पड़ता हैं बल्कि समय और संसाधन भी लगते हैं यही वजह हैं कि नगर-निगम आदमपुरखंती के पीछे वाले हिस्से में शवों को फेंक देता हैं | निगम ने खंती में करीब एक एकड़ क्षेत्र में प्रदेश का पहला एनीमल इंसीनरेटर बनाया हैं, करीब 5 करोड़ की लागत से तैयार हुए इस इंसीनरेटर का काम पिछले साल शुरू हुआ था जो अब पूरा हो गया हैं | इसके आइसोलेशन  का काम भी लगभग पूरा हो चुका हैं, निगम अधिकारियों की माने तो सोमवार से इसे शुरू कर दिया जाएगा तब मवेशियों के शव को जलाकर इनका निष्पादन किया जाएगा |

 

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प्रधान संपादक समाचार संपादक
सैफु द्घीन सैफी डॉ मीनू पाण्ड्य
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