भोपाल :( नुजहत सुल्तान) माइग्रेटेड फैकल्टी का मामला लंबे समय से विवादित है दूसरे राज्यों में रजिस्टर्ड फ़ैकल्टी को प्राइवेट नर्सिंग कॉलेज पढ़ाने के लिए रखते है इनकी नियुक्ति सिर्फ दस्तावेज़ों पर होती है जबकि नियम ये हे कि माइग्रेटेड फ़ैकल्टी को मप्र के नर्सिंग कॉलेज में कार्यभार ग्रहण करने की तारीख से 1 महीने की अवधि में एमपीएनआरसी में जीवित रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है | लेकिन इन्होने अब तक रजिस्ट्रेशन नही कराया इन्हीं फ़ैकल्टी को कागजों पर दिखाकर नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता दी जाती रही है | फ़ैकल्टी अपात्र होने से सत्र 2022-23 में 200 से ज़्यादा नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता खतरे मे पड़ सकती है | 2021-22 मे माइग्रेशन के आधार पर दर्ज फ़ैकल्टी को बगैर मप्र में जीवित रजिस्ट्रेशन कराए 2022-23 की मान्यता प्रक्रिया के लिए अपात्र घोषित किया गया था | इसके बाद इन्हें एक महीने का समय देते हुए सत्र 2022-23 की मान्यता प्रक्रिया में शामिल होने का अवसर दिया गया | इसके अलावा एमपीएनआरसी ने भोपाल के टीटी नगर थाने में ग्वालियर के दो प्राइवेट नर्सिंग कॉलेजों के खिलाफ मामला दर्ज कराया हैं इन कॉलेजों ने जो फ़ैकल्टी दर्शाई थी, वो कूटरचित थी |
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