ग्वालियर : ड्रग्स तस्करी से जुड़ी एक हाई प्रोफाइल कार्रवाई में ग्वालियर पुलिस ने लापरवाही बरती हैं 6 सितंबर 2022 को पुलिस ने 7 लोगों को गिरफ्तार कर उनसे बरामद जिस 720 ग्राम पाउडर को एमडीएमए ड्रग्स बताया था, वह फोरेंसिक लैब की जांच में यूरिया निकला | आरोपी करीब 235 दिन से जेल में उस गुनाह की सज़ा काट रहा था जो उसने किया ही नही हैं | जस्टिस दीपक कुमार अग्रवाल ने पुलिस को इतनी बड़ी गलती करने पर जमकर फटकार लगाई, और मप्र के डीजीपी को आदेश दिया कि वे आरोपी को दस लाख रुपए बतौर क्षतिपूर्ति दें, हालांकि, कोर्ट ने डीजीपी को ये भी स्वतंत्रता दी कि वे चाहें तो मुआवजे की राशि की वसूली गैर जिम्मेदार अधिकारियों से कर सकते है | बड़ी बात यह है कि 21 अक्टूबर 2022 को फोरेंसिक लैब की रिपोर्ट आ गई थी, लेकिन छह महीने तक पुलिस ने इस रिपोर्ट का ज़िक्र तक नहीं किया | इस दौरान इस मामले के सातों आरोपियों की जमानत कोर्ट ने चार बार रद्द कर दी थी | मोहित ने जब पाँचवीं बार जमानत याचिका दायर की तब उनकी और से एफएसएल रिपोर्ट पेश करने की मांग की गई | क्योंकि, पुलिस ने आरोप पत्र मे इस रिपोर्ट को शामिल नहीं किया था, जिसकी वजह से बेगुनाहों को सज़ा मिली |
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