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डॉक्टर को मसीहा मानने वाले लोगों में डॉक्टर के प्रति आक्रोश : हाई कोर्ट ने दोपहर में हड़ताल को अवैध करार देते हुए डॉक्टरों को तुरंत काम पर लौटने का निर्देश दिया, रात को हड़ताल खत्म करने के बाद भी डॉक्टरों ने मरीजों के प्रति लापरवाही बरती |

भोपाल :( नुजहत सुल्तान)  बुधवार को प्रदेश के 15000 डॉक्टरों ने हड़ताल कर दी जिसके कारण मरीजों को इलाज कराने के लिए इधर उधर भटकना पड़ा हड़ताल के चलते दिनभर पूरे प्रदेश में मरीज परेशान होते रहे | सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह चरमराई रही हालांकि, जिला स्तर पर प्रशासन ने मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों में भेजने की व्यवस्था पहले से ही कर ली थी | फिर भी गंभीर हालत में इलाज कराने पहुंचे मरीजों ने इलाज न मिलने पर अस्पताल की दहलीज़ पर ही दम तोड़ दिया | राजधानी के हमीदिया अस्पताल में डॉक्टर पंडाल में बैठकर टहुके लगाते रहे, लेकिन मरीजों को देखने की किसी ने जहमत नहीं उठाई | हड़ताल के चलते सभी डॉक्टरों ने एकजुट होकर पंडाल में बैठकर नारेबाजी की दोपहर में इन्होने समूहिक भोजन भी किया,  इसके बाद चले गए | गौतम – नगर निवासी एक महिला अपने मरीज कों हमीदिया अस्पताल लेकर पहुंची थी,  मरीज को इमरजेंसी वार्ड में ले गए लेकिन वहाँ कोई सीनियर डॉक्टर नहीं होने के कारण समय पर सही इलाज न मिलने से 25 मिनट बाद ही मरीज की मौत हो गई | बाद में परिजनों ने डॉक्टरों के प्रति गुस्सा जाहिर करते हुए बताया कि जब अस्पताल लाए थे तब ज़िंदा थे, अगर इलाज मिल जाता तो बच जाते | जबलपुर में डॉक्टरों की हड़ताल पर चीफ जस्टिस रवि मलिमठ व जस्टिस विशाल मिश्रा की खंडपीठ ने सख्त नाराजगी जताई, खंडपीठ ने कहा हड़ताल अवैध हैं महामारी चल रही है मरीजों की जान खतरे में है अत: डॉक्टर तुरंत काम पर लौटे और अंतिम मरीज का भी इलाज सुनिश्चित करें | आगे भी बिना अनुमति डॉक्टर्स स्ट्राइक पर नही जाएं | सरकार की तमाम कोशिशों के बाद भी हड़ताल पर उतरे प्रदेश के 15000 सरकारी डॉक्टर जबलपुर हाई कोर्ट की फटकार और सख्ती के बाद रात तक हड़ताल खत्म करके अपने – अपने कामों पर लौट आए | रात करीब 10:30 बजे डॉक्टरों ने हड़ताल खत्म कर दी, लेकिन फिर भी अस्पतालों में चिकित्सा व्यवस्था चरमराई रही , इस कारण न कोई ऑपरेशन हो पाया और न ही मरीजों को ठीक से इलाज मिल सका हमीदिया और जेपी अस्पताल में गंभीर मरीजों को भर्ती करने के बजाय मरहम-पट्टी करके लौटाया गया | या फिर एम्स, चिरायु और जेके अस्पताल भेज दिया गया | यहां पर प्रशासन ने हड़ताल को देखते हुए 1500 बेड की व्यवस्था की थी, बताया जा रहा है कि डॉक्टरों का आंदोलन जारी रहेगा वे अब सामूहिक इस्तीफा भी दे सकते है | इस पर फैसला गुरुवार को डॉक्टरों संगठनों की बैठक के बाद होगा |

 

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प्रधान संपादक समाचार संपादक
सैफु द्घीन सैफी डॉ मीनू पाण्ड्य
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