सीहोर : मामला तीन सालों से हो रही भारी बारिश व ओलावृष्टि से प्रभावित हुई फसलों की क्षतिपूर्ति से जुड़ा है | क्षतिपूर्ति के लिए सीहोर जिले के करीब 500 किसानों के खातों में तीन साल से फसल क्षतिपूर्ति की राशि नहीं आई है | और शासन को बता दिया गया कि किसानों के खातों में राशि डाल दी गई हैं | यह राशि करीब दो करोड़ रुपए बताई जा रही है ये गड़बड़ियां महालेखाकार ग्वालियर के ऑडिट में किसानों के नाम मिस मेच होने पर सर्वर में सामने आई | इसके बाद महालेखाकार के निर्देश पर प्रदेश के 14 जिलों में जांच शुरू हुई | 14 जिलों की प्राथमिक जांच रिपोर्ट में पता चला कि मामले में राजस्व विभाग के तहसीलदार, पटवारी सहित कंप्यूटर ऑपरेटर की भी गलती है | जो राशि किसानों के खाते में डालना थी, उसे संबंधित विभाग के अधिकारी व ऑपरेटर ने डाला ही नहीं, क्योंकि पटवारी ने रिपोर्ट तो सही दी, लेकिन बाद में हितग्राही का खाता बदल दिया गया ऐसे में तहसीलदार ने क्या देखकर भुगतान कर दिया | जिला प्रशासन ने प्राथमिक जांच रिपोर्ट तैयार कर दोषियों के खिलाफ आरोप भी तय कर लिए हैं, पर अभी उसका खुलासा नहीं किया हैं | कलेक्टर प्रवीण सिंह ने रेहटी, इछावर व आष्टा सहित सीहोर कलेक्ट्रेट के अधिकारियों – कर्मचारियों की टीम बनाकर जांच शुरू कर दी है |
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