भोपाल :( नुजहत सुल्तान ) फर्जी वैद्द बनकर पैर ठीक करने के नाम पर बुजुर्ग से 44 लाख की ठगी करने वाले गिरोह का एक सदस्य पुलिस के शिकंजे में आ चुका है अब पुलिस को इस संगठित गिरोह के सरगना की तलाश है | इस 7 सदस्यीय गैंग में हर व्यक्ति की अलग- अलग भूमिका है | मरीज को वैद्द तक पहुंचाना, वैद्द बनकर इलाज करना, ट्रांसफर हुए पैसों को अपने खाते में लेना और उन पैसों को खाते से निकालना हर ज़िम्मेदारी तय रहती थी, पुलिस को कुछ ऐसे इनपुट भी मिले है कि इस गिरोह ने भोपाल के अलावा इंदौर व अन्य जिलों में भी ऐसी वारदातें की है | जालसाज गैंग के पकड़े गए एक आरोपी ने पूछताछ में ठगी करने का पूरा तरीका बयान कर दिया है | उसने बताया कि इस गिरोह के 6-7 सदस्य है इनमें से चार लोग जोधपुर में रहते है बाकी लोग भोपाल के आउटर क्षेत्र में रहते है | किसी भी बड़े होटल के आस - पास खड़े होकर भोपाल के सदस्य ऐसे बुजुर्गों को निशाना बनाते है जिनको चलने में कोई दिक्कत होती हैं वह उनके पास जाकर कहते है मेरी माँ को भी इसी तरह की चलने में परेशानी थी एक वैद्द को दिखाया तो काफी आराम हो गया | झांसे में आए बुजुर्ग वैद्द के बारे में पूछते है तो उन्हें अपने ही साथी का नंबर दे देते है | बुजुर्ग उसे कॉल करते और एक-दो दिन में दूसरी टीम यानि वैद्द और उसका सहयोगी बुजुर्ग के घर पहुँच जाते थे | इसी तरह फर्जी वैद्द बनकर पहुंचे रिटायर बैंक मैनेजर के घर और उनकी पत्नी का पैर ठीक करने के बहाने से उनसे लाखो की ठगी की थी | पुलिस ने जिस आरोपी को गिरफ्तार किया है वह 27 वर्षीय सावर लाल जाट जयपुर का रहने वाला है | इन दिनों वह रातानाडा, जोधपुर में किराए का मकान लेकर रह रहा था, वे ग्रेजुएट है, लेकिन गार्ड की नौकरी कर रहा था | गिरोह के संबंध में शाहपुरा निवासी राकेश मोहन विरमानी ने शिकायत की थी, राकेश बैंक के रिटायर मैनेजर हैं |
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