भोपाल : पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने पिछले साल 28 जून को एक पत्र जारी कर पंचायतों में टैक्स वसूली के निर्देश दिए थे | इसके बाद भोपाल जिला पंचायत ने सभी ग्राम पंचायतों को अपने क्षेत्रों में सर्वे कराने को कहा, इसमें पंचायत में बने मकानों, दुकानों और खुली भूमि का सर्वे किया गया इसके बाद से नोटिस जारी किए जा रहे हैं | यदि ग्रामीण क्षेत्रों में आपका रिसोर्ट, गो-डाउन या फार्म हाउस है तो आपको संपत्ति कर देना ही होगा सरकारी निगम, मंडल, घर मालिक भी इसके दायरे में हैं | पहल भोपाल जिले से हो गई है, यहां एक लाख रुपए से कम के संपत्ति कर बकायादारों से ग्राम पंचायत तो इससे ज़्यादा वालों से जिला पंचायत सीईओ के ज़रिए वसूली की जा रही है | राज्य सरकार ने अपने आदेश में बिजली कंपनी और निगम मंडलों को भी संपत्ति कर के दायरे में रखा है, इसमें खास तौर पर बिजली कंपनी, पर्यटन निगम, वनोपज़ सहकारी संघ, आदि शामिल हैं | गाँव में मकान बनाने पर बिल्डिंग परमिशन लेने और फीस जमा करने पर भी सख्ती हो सकती है | पंचायतों को शुल्क वसूल कर बिल्डिंग परमिशन देने के अधिकार तो पहले से दिए गए हैं, लेकिन इस पर कभी सख्ती नहीं हुई | राज्य सरकार ने इसे भी अब अनिवार्य करने को कहा है | पंचायतों को जल कर, स्वच्छता कर के साथ हाट बाजार में बाजार फीस लगाने के अधिकार भी दिए गए हैं, पंचायतों में आवासीय संपत्ति पर 20% और व्यवसायिक संपत्ति पर 30% संपत्ति कर लगाया गया है | यदि मकान की कीमत 1 लाख रु. है तो 200 रु. और कमर्शियल प्रॉपर्टी पर 300 रु. साल का टैक्स देना होगा |
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