भोपाल :( नुजहत सुल्तान ) टेलीग्राम पर अलग-अलग ट्रेंडिंग चैनल से मिलते-जुलते नाम के फर्जी चैनल बनाकर हर तरह के अपराध किए जा रहे हैं | स्टेट सायबर सेल में टेलीग्राम के ज़रिए ठगी की 45 और भोपाल सायबर क्राइम के पास 16 शिकायतें पहुंची हैं, अलग-अलग चैनल बनाकर टेलीग्राम के ज़रिए रोजाना क्रिप्टो, फेक जॉब, पेपर लीक, कॉल गर्ल्स, पायरेटेड मूवीज़ जैसे अपराध हो रहे हैं | केस बढ़ते देख स्टेट सायबर पुलिस ने टेलीग्राम यूजर्स को डिजिटल हाइजीन अपनाने की सलाह दी है | डिजिटल हाइजीन यानि सायबर की दुनिया में अपने गोपनीय डेटा को सुरक्षित रखना | ऐसा तभी संभव है, जब लोग सायबर क्रिमिनल्स के झांसे में आना बंद करेंगे | एडीजी योगेश देशमुख के मुताबिक एक - दो मिनट की चैटिंग में ही जालसाज समझ जाते हैं, कि व्यक्ति की रुचि क्या है ? यानि वह बेरोजगार हैं क्रिप्टो में पैसा कमाना चाहता है, या उसे लीक पेपर की ज़रूरत है ? व्यक्ति की रुचि पता चलते ही जालसाज वही ऑफर देकर अपने जाल में फंसाते हैं | इसके बाद लालच और प्रेशर के कॉकटेल से अपने मंसूबों में कामयाब हो जाते हैं | टेलीग्राम एक एनॉनिमस यानि बगैर असली पहचान बताए आईडी बनाने की खासियत वाली सोशल मीडिया एप्लिकेशन है जिसे सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए बनाया गया था | सायबर अपराधियों ने इसकी गुमनाम रहने वाली खासियत का फायदा उठाकर प्रदेशभर में बीते तीन महीनों में करीब 4 करोड़ रु. की ठगी कर दी है | राजधानी के कारोबारी के साथ 41.07 लाख रु. की ठगी भी क्रिप्टो में निवेश के नाम पर ही हुई है | जालसाजों ने कारोबारी को जापान की महिला के ज़रिए झांसे में लिया और कई बार में इतनी बड़ी रकम ठग ली | ऐसी ठगी रोकने में लाचार भोपाल और स्टेट सायबर पुलिस को अब एड्वायजरी का सहारा चाहिए क्योंकि भारत से बाहर है टेलीग्राम का सर्वर |
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