भोपाल : मंगलवार को कैबिनेट ने मध्यप्रदेश रेत ( खनन, परिवहन, भंडारण एवं व्यापार ) नियम 2019 में संशोधन को मंजूरी दे दी | सरकार की कोशिश है कि मई के अंत तक रेत के ठेकों की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी जाए, अब रेत का ठेका 3 साल के बजाय 5 साल के लिए होगा | तीन साल का ठेका पूरा होने के बाद उसी ठेकेदार को 10% राशि बढ़ाकर दो साल के लिए ठेका नियमित कर दिया जाएगा | खदानों की बोली ज़्यादा बढ़े, इसके लिए ई-टेंडर – कम- ऑक्शन व्यवस्था को लागू किया जा रहा है | इसमें ई-टेंडर के बाद कॉन्ट्रेक्टर खुली नीलामी में जाएंगे | रेत से होने वाली कमाई को 900 करोड़ रु. से बढ़ाकर 1200 करोड़ रु. करने के लिए रेत के नियमों में ये बदलाव किया गया है | रेत के भंडारण की अनुमति सिर्फ वैध ठेकेदारों की ही रहेगी | यदि किसी जगह का ठेका निरस्त हो जाता है तो दूसरा ठेकेदार रेत का उसी जगह भंडारण कर सकता है | पहली बार रेत की खदानें मप्र खनिज निगम को 10 साल की लीज पर राज्य सरकार देगी | लीज की दरें भी जल्द तय होंगी खदानों की नीलामी खनिज निगम करेगा और लीज की राशि सरकार को देगा | नीलामी के साथ-साथ खनिज निगम को माइनिंग प्लान, पर्यावरण आदि की मंजूरी खुद लेनी होगी इससे खनन में देरी नहीं होगी कृषि मंत्री कमल पटेल ने कैबिनेट बैठक में रेत नियमों पर चर्चा के दौरान कहा कि नर्मदा नदी में रेत निकालने के लिए मशीन नहीं चलनी चाहिए इस पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अफसरों से कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए | कहीं यदि ठेकेदार नहीं है तो निजी भूमि से भी रेत निकालने की स्वीकृति दी जा सकेगी |
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