भोपाल : बिजली के किसी भी उपकरण को स्टार्ट करने के लिए आवश्यक रिएक्टिव पावर से भोपाल नगर-निगम लंबे समय से जूझ रहा है पुराने उपकरणों के कारण नगर-निगम का पावर फ़ैक्टर इतना ज़्यादा हो गया है कि हर महीने 40 लाख रु. तक की पेनाल्टी चुकानी पड़ रही है | निगम से ये पेनाल्टी बिजली कंपनी वसूलती है | बढ़ते बिल और पेनाल्टी को कम करने के लिए पहली बार नगर-निगम पावर फ़ैक्टर को तय मानक 0.9 से बढ़ाने की कवायद शुरू कर रहा है | इसके लिए ऐसी कंपनी को काम दिया जा रहा है जो पावर फ़ैक्टर को तय मानक से बढ़ाकर पेनाल्टी की बचत करवाएगी | फिर इसी बचत में से कंपनी को भी शेयर तय किया जाएगा | ये बचत सालाना 4.8 करोड़ होगी, जिसका इस्तेमाल जनोपयोगी कामों के लिए किया जाएगा | भोपाल नगर-निगम को सबसे ज़्यादा पेनाल्टी जलकार्य शाखा और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में लगे हाई टेंशन कनेक्शन के कारण उठानी पड़ती है, जैसे – जैसे बिजली उपकरण पुराने होते जाते हैं, उनका पावर फ़ैक्टर बढ़ता जाता है | खासकर ऐसे उपकरण जिनमें क्वाइल लगी हो | इन दोनों ही शाखाओं में मोटर का काम ज़्यादा है, इसलिए यहां बिजली की खपत के साथ पावर फ़ैक्टर भी बढ़ जाता है और एनर्जी चार्ज में 10% पेनाल्टी जुड़ जाती है | जिसे पावर फ़ैक्टर पेनाल्टी कहते हैं |
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