भोपाल : बुधवार दोपहर को बरकतउल्ला विश्वविद्दालय में कार्यपरिषद ईसी की आपात बैठक हुई करीब 3 घंटे तक चली मीटिंग की खास बात यह रही कि इसके खत्म होते ही विवि ने तत्काल मिनिट्स तैयार कर जारी कर दिए | बीयू में ऐसा पहली बार हुआ जब मिनिट्स ईसी मेंबर्स की उपस्थिती में ही तैयार कर उसी दिन जारी किए गए हों, इसके लिए ईसी मेंबर्स की इस मांग पर बैठक की अध्यक्षता कर रहे कुलपति प्रो. एसके जैन ने तुरंत कार्रवाई कराई वहीं मेंबर्स ने विभिन्न विभागों में बनाए जा रहे सेंटर ऑफ एक्सिलेंस सीओई के लिए उपकरण सॉफ्टवेयर खरीदी के जुड़े प्रस्ताव पर कड़ी आपत्ति जताई है | दरअसल, विवि ने उन पुराने टेंडर के तहत लगभग 1 करोड़ रुपए की राशि से खरीदी के लिए प्रशासकीय व वित्तीय स्वीकृति चाही, जिनके टेंडर की प्रक्रिया शुरू हुए एक से तीन साल का समय बीत चुका था, ईसी मेम्बर डॉ. शशिरंजन अकेला ने कहा कि प्रशासन इतना लंबा समय बीत जाने के बाद भी पुराने टेंडर के अस्तित्व को बरकरार रखना चाहता है, यह तर्कसंगत और नियमानुकूल नहीं हैं इसलिए इतने पुराने टेंडर को मान्य किया जाना संभव नहीं है इसे अमान्य किया जाए | इस पर वित्त विभाग के राजाराम अहिरवार, एडिशनल डायरेक्टर डॉ. मथुरा प्रसाद, विजय अहिरवार ने सहमति जताई ईसी मेंबर्स की आपत्ति को सही ठहराते हुए वीसी प्रो. जैन ने भी मान्य किया | वहीं अब तक की कार्रवाई को निरस्त करने का निर्णय लिया गया सदस्यों ने कहा कि आगे की प्रक्रिया नए मप्र भंडार क्रय नियम तथा सेवा उपार्जन नियम 2022 के तहत होगी वहीं कुलपति ने सीओई के तहत खरीदी के लिए राज्य शासन से 3 माह का समय मांगा है | विवि के रूसा मद में कोई राशि नहीं होने के बाद करीब 23 लाख रुपए की कीमत से उपकरण खरीदे , अब फर्म को भुगतान करना है | इस मामले में विवि मद से भुगतान करने का प्रस्ताव रखा था | इस पर वर्तमान कार्यपरिषद ने कहा है कि फंड नहीं होने के बाद भी खरीदी की कार्रवाई में शामिल लोगों की ज़िम्मेदारी तय कर कार्रवाई की जाए | साथ ही उच्च शिक्षा विभाग को पत्र लिखकर रूसा मद में रोकी गई 1 करोड़ रु. की राशि वापस ली जाए | अभी विवि मद से भुगतान किया है, इस प्रकार के प्रकरणों की पुनरावृत्ति भविष्य में न हो इस बात का ध्यान रखने को कहा है | रूसा मद में राशि आने पर प्रतिपूर्ति की जाए वहीं, कर्मचारियों के लिए मेडिक्लेम की सुविधा एक महीने में लागू की जाए |
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