भोपाल/इंदौर : ग्राहकों के हितों की रक्षा के लिए बनाए गए रेरा प्राधिकरण में रजिस्टर्ड रियल एस्टेट एजेंट की योग्यता पर उठाए गए सवालों में इस बात का खुलासा हुआ कि जिन एजेंट को एक्ट के नियम-कायदों की जानकारी ही नहीं है वो ही अधिकृत एजेंट के तौर पर प्रॉपर्टी के सौदे करवा रहे हैं | प्रदेश में प्रत्येक रियल एस्टेट प्रोजेक्ट का रेरा प्राधिकरण में पंजीयन ज़रूरी है बिल्डर की नई संपत्ति ग्राहकों को बेचने वाले रियल एस्टेट एजेंट का पंजीयन भी धारा -9 में आवश्यक किया गया है | ऐसा इसलिए कि संपत्ति के सौदे में विवाद होने, संपत्ति समय पर नहीं मिलने या वादे के मुताबिक काम नहीं किए जाने को लेकर ग्राहक बिल्डर के साथ अपने एजेंट के खिलाफ भी रेरा एक्ट की धारा-31 के तहत कार्रवाई कर सके | एक्ट के प्रावधानों के मुताबिक ग्राहक को संपत्ति बेचने के लिए जितना बिल्डर जिम्मेदार होते हैं उतना ही एजेंट भी | एजेंट संपत्ति बेचने के लिए ग्राहक से जो वादा करते हैं, उसे बिल्डर का वादा ही माना जाता है | लेकिन शर्त ये है कि वह एजेंट रेरा एक्ट के तहत रजिस्टर्ड हो रेरा के इसी नियम के चलते रेरा प्राधिकरण में 1523 एजेंट रजिस्टर्ड हैं इनमें भोपाल के 87 एजेंट हैं, जिनमें से सिर्फ 46 ही एक्टिव हैं | दरअसल महाराष्ट्र में रियल एस्टेट एजेंट के तौर पर रजिस्टर्ड होने से पहले 20 घंटे का प्रशिक्षण लेने के बाद परीक्षा पास करना अनिवार्य है, जबकि मप्र में ऐसी कोई व्यवस्था ही नहीं है |
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