भोपाल : मुख्यमंत्री बाल आरोग्य संवर्धन कार्यक्रम के तहत प्रदेश में गंभीर व मध्यम कुपोषित बच्चो की पहचान करने और उन्हें कुपोषण मुक्त करने के लिए हर महीने 11 से 20 तारीख तक रोजाना आंगनबाड़ी में बच्चों की मॉनिटरिंग होती है | जनवरी,फरवरी और मार्च में मॉनिटरिंग के बाद मप्र में करीब 78,000 बच्चों में कुपोषण मिला है | ये वो बच्चे हैं जो रोजाना आंगनबाड़ी पहुँचते हैं, | पिछले साल अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर 2022 की रिपोर्ट की तुलना में भोपाल सहित सात संभागों में गंभीर कुपोषित बच्चों की संख्या बढ़ी है | अटल बिहारी वाजपेयी बाल आरोग्य एवं पोषण मिशन मप्र के मिशन संचालक डॉ. रामराव भोंसले ने दो जून को रिपोर्ट जारी की है | महिला एवं बाल विकास विभाग अब अगले तीन माह कुपोषित बच्चों को सही स्थिति में लाने की कोशिशों में जुटेगा | अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर 2022 की तिमाही रिपोर्ट में गंभीर कुपोषित बच्चों की संख्या 20 हज़ार 728 थी, जो ताज़ा तिमाही रिपोर्ट में 21 हज़ार 631 हो गई | जबकि मध्यम कुपोषित बच्चों की संख्या कम हुई है पिछली बार के 59,619 के मुक़ाबले इस बार संख्या 57 हज़ार 602 आई है | भोपाल सहित सात संभागों में गंभीर कुपोषित बच्चे पिछले बार से अधिक पाए गए हैं |
|