ग्वालियर : नर्सिंग कॉलेज फर्जीबाड़े के चलते प्रदेश के लगभग 76 कॉलेजों की जांच हो चुकी है, 12 मई को हुई सुनवाई के बाद से लेकर अब तक कुल 46 कॉलेजों की जांच की जा चुकी है, जबकि 30 कॉलेजों की जांच पहले कर ली गई थी | मामले की अगली सुनवाई अब 27 जुलाई को होगी सुनवाई के दौरान जस्टिस रोहित आर्या ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कहा- सीबीआई जांच के आदेश के खिलाफ जो एसएलपी दायर की गई थी, उसे खारिज कर दिया गया | साथ ही साथ सुप्रीम कोर्ट ने ये भी स्पष्ट किया कि मामले की जांच तीन माह के भीतर पूरी की जाए | इससे पहले भी कई नर्सिंग कॉलेजों द्वारा याचिका दायर की गई जिसमें छात्रों को एनरोल करने के लिए मप्र नर्सेस रजिस्ट्रेशन काउंसिल और मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी को निर्देशित करने की गुहार लगाई गई | इस याचिका पर 28 सितंबर को सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने सीबीआई को मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी, एमपीएनआरसी और इंडियन नर्सिंग काउंसिल के रिकॉर्ड की जांच का जिम्मा दिया है | सुनवाई के दौरान कोर्ट को ये भी बताया गया कि जिन कॉलेजों की सीबीआई जांच कर रही है, उन कॉलेजों द्वारा जीएनएम की परीक्षा आयोजित कराई जा रही है | हालांकि कोर्ट ने फिलहाल इस मामले में कोई हस्तक्षेप नही किया है | नर्सिंग कॉलेजों के साथ ही दिलीप कुमार शर्मा की जनहित याचिका पर भी सुनवाई हुई, जिसमें याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी करते हुए एडवोकेट जितेंद्र शर्मा ने मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी के वीसी को हटाने की मांग की, उन्होने बताया कि हाई कोर्ट द्वारा सीबीआई जांच के आदेश के बाद भी वीसी मनमाने आदेश जारी कर रहे हैं | एडवोकेट शर्मा ने कोर्ट से उन 364 कॉलेजों की सूची भी देने की मांग की है जिसकी जांच सीबीआई कर रही है | कोर्ट ने याचिकाकर्ता को कॉलेजों की सूची प्रदान करने का निर्देश भी दिया है |
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