इंदौर : केंद्र सरकार द्वारा जीएसटी पंजीयन जांच मुहिम के तहत प्रदेश में 14 करदाताओं को चिन्हित किया गया था, जिनके व्यवसाय स्थल पर जाकर पड़ताल करने पर वे अस्तित्वहीन पाए गए | यहां से दायरा बढ़ाते हुए जिन कंपनियों ने इन बोगम करदाताओं के साथ व्यवहार किया था, उनका पता लगाने पर प्रदेश के 138 जीएसटी नंबरों की सूची मिली और इसी प्रकार इनसे जुड़े देशभर के 4909 जीएसटी पंजीयनों की जानकारी विभाग ने निकाली जिनके द्वारा की गई 8100 करोड़ रु. की कर चोरी को उजागर किया गया | सभी कंपनियों ने टैक्स कम देकर या गलत रूप से आईटीसी लेकर कर चोरी की थी, जिसे विभाग की टैक्स रिसर्च एंड एनालिसिस विंग ने पकड़ा | प्रदेश जीएसटी कमिश्नर लोकेश कुमार जाटव ने बताया कि हमने इस मुहिम के तहत एक दो छोटे करदाता को चिन्हित न करते हुए बड़े नेटवर्क को तलाशने पर अधिक फोकस किया | इसमें पता चला कि कई पंजीयन गरीब और निर्धन लोगों के दस्तावेज़ों का गलत उपयोग कर लिए गए हैं, और कई अलग-अलग स्थानों से और आईपी एड्रेस से ये संदिग्ध लेन – देन किए गए हैं | सभी का पता लगाया जा रहा है 2-3 दिन में हम एफआईआर दर्ज करेंगे अगर हमे इस मामले में मुख्य आरोपी का पता नही चल पाता तो पुलिस की सहायता ली जाएगी | विभाग के अनुसार ये पूरी चोरी एक ही नेटवर्क से जुड़ी है, इसलिए, इसका मास्टरमाइंड भी एक ही कोई व्यक्ति होने की आशंका है, जिसकी तलाश जारी है |
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