भोपाल :( नुजहत सुल्तान ) 16/6/23 सतपुड़ा भवन में लगी आग पर समय पर काबू न पाने के कारणों की पड़ताल चल रही है कहा जा रहा है कि ऊंचाई अधिक होने और तेज़ हवाओं के कारण आग पर काबू नहीं पाया गया | लेकिन हक़ीक़त तो यह है कि नगर-निगम की फायर ब्रिगेड के पास राजधानी की बढ़ती हुई जरूरतों के मुताबिक संसाधन उपलब्ध नही हैं | शहर की आबादी को देखते हुए कम से कम 60 फायर ब्रिगेड की आवश्यकता पड़ती है, और 30 फायर स्टेशन होना चाहिए | लेकिन शहर में 11 स्टेशन में 20 फायर ब्रिगेड से काम चल रहा है यही नही कहने को नगर-निगम की फायर ब्रिगेड में 400 से अधिक का स्टाफ है लेकिन इनमें से फायरमैन का डिप्लोमा सर्टिफिकेट सिर्फ 70 के पास ही है | यानि अधूरे संसाधनों और अंट्रेंड स्टाफ के भरोसे शहर की फायर ब्रिगेड की व्यवस्था चल रही है | नवंबर 2013 में विधानसभा चुनाव से पहले प्रशासनिक भवन विंध्याचल में भी सतपुड़ा भवन जैसी ही आग लगी थी वहाँ भी आग बुझाने के कोई उपकरण मौजूद नहीं थे | ग्रामीण विकास विभाग में फाइलें जलने पर इसी तरह के सवाल उठे थे जैसे अब सतपुड़ा की आग पर उठ रहे हैं | सतपुड़ा भवन में लगी आग से सबक लेते हुए भोपाल के सभी थानों और पुलिसलाइन के स्टाफ को फायर एक्सटिंगिवीशर सहित अन्य उपकरण चलाने की ट्रेनिंग दी जाएगी |
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