भोपाल : 24/6/2023 :( नुजहत सुल्तान ) शहर में कई बड़े सरकारी अस्पताल हैं लेकिन इन सरकारी अस्पतालों में कैंसर के मरीजों के लिए रेडियोथेरेपी की सुविधा उपलब्ध नही है एम्स ही एक ऐसा अस्पताल है जिसमें रेडियोथेरेपी दी जाती है | हमीदिया और बीएमएचआरसी में पहले रेडियोथेरेपी की सुविधा थी, लेकिन अब यहाँ भी यह सुविधा बंद है | एम्स में भी सिर्फ एक ही मशीन है इससे दिनभर में 30-40 मरीजों की रेडियोथेरेपी होती है, जबकि रोजाना अस्पताल में करीब 150 मरीजों की इसकी आवश्यकता होती है | इस कारण मरीजों को दो दो महीने तक इंतज़ार करना पड़ता है जिससे मरीजों में कैंसर बढ़ जाता है | हमीदिया में पहले ये सुविधा उपलब्ध थी, लेकिन अब काफी समय से मशीन बंद पड़ी है | जब तक यह मशीन चलती थी तब हमीदिया अस्पताल में एक दिन में 100 से भी अधिक मरीजों को रेडियोथेरेपी दी जाती थी | बीएमएचआरसी में गैस पीड़ित मरीजों का इलाज किया जाता था, करीब 7 सालों से यहां भी रेडियोथेरेपी की सुविधा बंद है | एम्स में रेडियोथेरेपी कराने के लिए सिर्फ 750 रुपए की रसीद कटानी होती है, रेडियोथेरेपी के मरीजों को 30 से 35 सेशन लेने होते हैं, यदि किसी प्राइवेट सेंटर में यह थेरेपी कराई जाए तो करीब डेढ़ लाख रु. तक का खर्चा आता है | ऐसे में जो मरीज प्राइवेट सेंटर में रेडियोथेरेपी कराते हैं उन्हें आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता ही | हमीदिया के अधीक्षक डॉ. गोहिया का कहना है कि हम लीनियर एक्सीलेटर मशीन खरीद रहे हैं, इसके लिए प्रक्रिया चल रही है जल्द ही मशीन आ जाएगी फिर यहां दोबारा मरीजों को रेडियोथेरेपी की सुविधा उपलब्ध हो पाएगी |
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