भोपाल : 27/6/2023 : अप्रैल साल 2019 में मप्र में लोकसभा चुनाव से पहले चुनाव में कालेधन के उपयोग को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबियों के यहां आयकर विभाग ने छापेमार कार्रवाई की थी | इस कार्रवाई के दौरान 14 करोड़ रु. से अधिक कलाधान मिला था, छापे में डायरियां और कंप्यूटर में सुरक्षित दस्तावेज़ जब्त किए गए थे | विभाग ने इसकी जानकारी चुनाव आयोग को दी थी, आयोग के पत्र के अनुसार इन अधिकारियों ने चुनाव में कालाधन राष्ट्रीय पार्टी के नेताओं को दिल्ली तक पहुंचाया था | राज्य सरकार ने उन तीन वरिष्ठ आईपीएस अफसरों व्ही मधुकुमार, सुशोभन बैनर्जी और संजय माने के विरुद्ध जांच शुरू कर दी है, जिनके नाम छापे में बरामद दस्तावेज़ों में मिले थे | सुशोभन बैनर्जी को छोड़कर दो अफसर रिटायर हो चुके हैं | आयोग ने मप्र के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को इन पर एफआईआर करने के लिए कहा था | आयोग ने राज्य आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ ईओडब्ल्यू को भी इनकी जांच करने के लिए कहा था, ईओडब्ल्यू ने दिसंबर 2020 में प्रारंभिक जांच (पीई) भी दर्ज कर ली थी | पर दो वर्ष बाद भी एफआईआर दर्ज नही हुई, डीजी ईओडब्ल्यू अजय शर्मा का कहना है कि सीबीडीटी से प्रमाणित दस्तावेज़ मांगने के लिए 10 से अधिक पत्र लिखे अधिकारियों को भी भेजा पर कोई जानकारी नही दी गई | अब इस मामले में हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस विरेंदर सिंह इसकी जांच करेंगे | गृह विभाग के अपर सचिव अजय गुप्ता को मामले में दस्तावेज़ प्रस्तुत करने की ज़िम्मेदारी दी गई है |
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