भोपाल : 27/6/2023 :( नुजहत सुल्तान ) गैस राहत अस्पतालों में रोजाना करीब 100 मरीज सोनोग्राफी के लिए आते हैं, लेकिन अस्पताल में लाखो रुपए की सोनोग्राफी मशीनें बेमतलब कमरे में बंद पड़ी हैं | करीब छह महीने पहले छह अस्पतालों को ये मशीनें उपलब्ध कराई गई हैं, लेकिन अब तक इन अस्पतालों में रेडियोलॉंजिस्ट की भर्ती नही हुई है | और सोनोग्राफी के मरीजों को कमला नेहरू अस्पताल भेजा जाता है वहाँ भी रेडियोलॉंजिस्ट के सिर्फ एक ही डॉक्टर एके जुनेजा हैं | ऐसे में मरीजों को सोनोग्राफी के लिए लंबी कतारें लगानी पड़ती हैं, समय पर मरीजों का नंबर आ जाए तो ठीक है वरना मरीजों को बार – बार चक्कर लगाना पड़ता है | या फिर प्राइवेट सेंटर का रुख करना पड़ता है | अब गैस राहत विभाग के जिम्मेदार 7 गायनाकोलॉंजिस्ट को जीएमसी के रेडियोलॉंजी डिपार्टमेंट में ट्रेनिंग दिलाकर उनको यह ज़िम्मेदारी देने की बात कह रहे हैं | इसके लिए चार महीने पहले रेडियोलॉंजी डिपार्टमेंट को पत्र लिखा गया है | जब जीएमसी के रेडियोलॉंजी डिपार्टमेंट में बात की तो बताया गया कि गैस राहत विभाग के डॉक्टरों को ट्रेनिंग देने का कोई प्रावधान ही नही है | गैस राहत विभाग के सूत्रों की मानें तो सालों से खाली रेडियोलॉंजिस्ट सहित कुछ और पदों पर भर्ती की जा रही है, हालांकि, मार्च से पहले शुरू हुई यह प्रक्रिया अप्रैल में ही पूरी हो जानी थी, लेकिन अब तक प्रक्रिया ही चल रही है |
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