नई दिल्ली : 4/7/2023 : वकील महेश तिवारी ने घरेलू हिंसा से परेशान होकर पतियों द्वारा आत्महत्या की घटनाओं को रोकने के लिए कोर्ट में याचिका दायर की थी | इसमें कहा था कि अधिकतर पुरुषों ने घरेलू हिंसा से परेशान होकर और पत्नियों से तंग आकर आत्महत्या करने का कदम उठाया | उन्होने कहा कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए दिशा निर्देश जारी किए जाने चाहिए, साथ ही एक राष्ट्रीय पुरुष आयोग का भी गठन किया जाना चाहिए | सुप्रीम कोर्ट ने पुरुष आयोग गठित करने की मांग पर सुनवाई से इंकार कर दिया और याचिकाकर्ता को फटकार भी लगाई | जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि आप हमसे उम्मीद करते हैं कि जो संख्या आप आत्महत्या करने वाले पुरुषों की बता रहे हैं उसके बारे में हम यह यकीन करें कि इन्होने पत्नियों से परेशान होकर आत्महत्या की है | आप अगर ऐसा सोच रहे है तो आप गलत हैं | पीठ ने यह भी कहा कि शायद आपको पता नही कि कितनी महिलाओं को आत्महत्या करना पड़ता है | इस पर याचिकाकर्ता ने कहा कि उनका केवल इतना ही कहना है कि ऐसा कोई प्रावधान या रास्ता नही है जिसमें कि पुरुष आत्महत्या करने से पूर्व अपनी बात कहीं कह सकें |
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