भोपाल : 6/7/2023 :( नुजहत सुल्तान ) गोविंदपुरा स्थित बिजली नगर में अधिकारी – कर्मचारियों के 45 साल से भी ज़्यादा पुराने ई और एफ टाइप के मकान बने हुए हैं | इन मकानों का मेंटेनेंस करने के लिए विद्दुत वितरण कंपनी द्वारा इन कर्मचारियों से हर महीने 525 से 750 रु. तक की राशि ली जाती है | लेकिन फिर भी इनके मेंटेनेंस की ज़िम्मेदारी पूरी नही की जा रही | शहरभर के कर्मचारी अपने परिवारों के साथ इन सरकारी जर्जर मकानों में अपनी जान जोखिम में डाले हुए हैं | बिजली नगर के जिन जर्जर मकानों में यह 250 परिवार रहते हैं, उनका ये लोग बकायदा मेंटेनेंस चार्ज दे रहे हैं | इसके बाद भी मकानों का मेंटेनेंस तक नही होता है | जिसके चलते लोगों को खतरों के बीच रहना पड़ता है | बारिश के मौसम में तो ये और अधिक खतरनाक साबित होते हैं जिसके चलते कर्मचारी अपने परिवार वालों को रिशतेदारों के यहां छोड़ने पर मजबूर हो जाते हैं | यहां पर बने मकानों में चारों तरफ से पानी भी टपकता है और जगह-जगह से प्लास्टर गिरना शुरू हो जाता है | कर्मचारियों ने छत के ऊपर तिरपाल डाल रखी है, ताकि बारिश के पानी से घरों को सुरक्षित रखा जा सके | कर्मचारियों का कहना है कि अफसरों से शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नही होती अफसर बोलते हैं कि घर खतरनाक हो गए हैं तो छोड़कर दूसरी जगह चले जाओ | इधर, बिजली कंपनी के पीआरओ मनोज दिव्वेदी का कहना है कि कॉलोनी के मकानों के रखरखाव को लेकर टेंडर पूरा हो चुका है जल्द ही मकानों की रिपेयरिंग का काम शुरू कर दिया जाएगा |
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