भोपाल : 15/7/2023 : भोपाल जिले के 135 सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले हजारों बच्चे 15 साल बाद भी खेलों से महरूम हैं | सभी स्कूलों में खेल पीरीयड आवश्यक किया गया था | उसके बाद भी ज़्यादातर स्कूलों में न खेल मैदान है और न ही खेल टीचर | सरकार इन सभी में 9वीं से 12वीं कक्षा में पढ़ने वाले करीब 40 हज़ार विद्धार्थियों से क्रीड़ा शुल्क के नाम पर हर साल 48 लाख रु. वसूलती है | शहर के करीब दर्जन भर स्कूलों में परीक्षण के दौरान पाया कि, यहां न तो ढंग के खेल मैदान थे, न पीटीआई टीचर | हद तो यह है कि अफसर बड़े शान से कहते हैं कि प्रतियोगिताएं निजी स्कूलों – कॉलेजों के मैदानों में करवा लेते हैं | उन्हीं के स्पोर्ट्स टीचर सहयोग देते हैं, वैसे हर स्कूल में 25 हज़ार रु. दिए जाते हैं स्पोर्ट्स किट हर स्कूल में उपलब्ध करवाई है | हमीदिया स्कूल में हॉकी, बास्केटबॉल एवं वॉलीबॉल के कोर्ट बने हैं, जो बदहाल हो रहे हैं | नवीन कन्या स्कूल में तुलसी नगर में मैदान के नाम पर छोटी सी जगह है | जहां खो खो खेला जाता है, बाकी गेम इंडोर में सीमित हैं | जहांगीराबाद के स्कूल में मैदान ही नहीं है | शा. जहांगीरिया स्कूल में भी कोई खेल मैदान नहीं हैं |
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