भोपाल : 19/7/2023 : 30 सितंबर 2012 को पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा आयोजित की गई थी, परीक्षा में रतलाम निवासी जितेंद्र टांक का पुलिस आरक्षक के रूप में चयन हुआ था | जितेंद्र 11 साल की नौकरी कर चुका है, जितेंद्र का परीक्षा में अनुचित रूप से चयन होने की शिकायत एसटीएफ भोपाल को मिली थी | जांच में सिद्ध हुआ था कि कूटरचित दस्तावेज़ों के आधार पर जितेंद्र के स्थान पर परीक्षा में सॉल्वर को बैठाया गया था | एसटीएफ ने वर्ष 2021 में जितेंद्र के खिलाफ धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज कर उसे जेल भेजा था, कोर्ट ने उसे 28 जनवरी 2022 को जमानत पर रिहा कर दिया था | मंगलवार को एडीजे एवं विशेष न्यायाधीश नीतिराज सिंह सिसौदिया की कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा है कि, इस प्रकार के अपराधों से संपूर्ण चयन प्रक्रिया युवावर्ग एवं समाज गंभीर रूप से प्रभावित होता है | अयोग्य एवं बेईमानी अभ्यर्थी के शासकीय सेवक के रूप में चयन होने के दुष्परिणामों की कल्पना भी नही की जा सकती | इस प्रकार के अपराधों की पुनरावृत्ति को रोके जाने तथा व्यवस्था पर सभी का विश्वास पुनः स्थापित करने हेतु अभियुक्त को पर्याप्त रूप से दंडित किया जाना आवश्यक है | इस व्यापंम घोटाले के आरोपी को सीबीआई की विशेष अदालत ने 7 साल की जेल और 10 हज़ार रु. जुर्माने की सज़ा सुनाई है |
New layer...
|