भोपाल : 31/7/2023 :( नुजहत सुल्तान ) शहरभर में कोई गली कोई मोहल्ला ऐसा नहीं है जहां लोग मच्छरों के कारण परेशान न हों डेंगू और मलेरिया ऐसी बीमारी हैं, जो बारिश के मौसम में हर बार बढ़ती है | और इन बीमारियों के बढ़ने की वजह मच्छरों का पनपना है | और इन मच्छरों की भरमार से शहर के अधिकतर घरों में वायरल फीवर के मरीज हैं, तो कहीं डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया के मरीजों की संख्या में भी लगातार इजाफा हो रहा है | लेकिन नगर-निगम मच्छरों को पनपने से रोकने के लिए कोई उचित कदम नहीं उठा रहा है | न ही लार्वा सर्वे हो रहा और न ही फॉगिंग करने वाली नगर-निगम की गाड़ियां गली मोहल्लों में पहुँच रही , दवाओं का छिड़काव करने वाले कर्मचारी और भरे हुए पानी में गंबूसिया मछलियों को छोड़ने की कार्रवाई कहीं होती नजर नहीं आ रही | बीते साल के मुक़ाबले इस साल डेंगू के साथ ही चिकनगुनिया और मलेरिया के मरीजों में काफी हद तक बढ़ोतरी हुई है | डेंगू लार्वा सर्वे कर लार्वा को नष्ट करके इस पर काफी हद तक काबू पाया जा सकता है | दावे तो किए गए थे कि दो लाख से अधिक गंबूसिया मछलियां शहर के ऐसे स्थानों पर छोड़ी गई हैं जहां साफ पानी जमा होता है | लेकिन हक़ीक़त में शहर में जहां भी साफ पानी जमा हो रहा है वहाँ मच्छर पनप रहे हैं | जिला मलेरिया कार्यालय की टीमें उन्हीं इलाकों में लार्वा सर्वे करती हैं, जहां डेंगू पेशेंट मिलता है | दावा था कि नगर-निगम की 10 गाड़ियां शहर में फॉगिंग कर रही हैं | लेकिन यह दावा भी झूठा साबित हुआ जब नए पुराने शहर के रहवासियों से पूछताछ की गई तो पता चला कि किसी ने फॉगिंग करने वाली गाड़ियों को फॉगिंग करते नहीं देखा | जिम्मेदारों द्वारा किए गए मच्छरों से बचाव के सारे दावे झूठे साबित हो गए लेकिन अब मच्छरों की तादाद और बढ़ने से पहले मैदानी अमलों को सक्रियता बढ़ानी चाहिए | जिम्मेदारों को सख्त मॉनिटरिंग और औचक निरीक्षण जैसे कदम उठाना चाहिए | अगर समय रहते जिम्मेदारों ने इस और ध्यान नहीं दिया तो आने वाले दिनों में हालात और बेकाबू होने की आशंका है |
|