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मणिपुर में महिलाओं को निर्वस्त्र परेड कराने के मामले में सुप्रीम कोर्ट का रवैय्या हुआ सख्त |

नई दिल्ली : 1/8/2023 :  मणिपुर में महिलाओं के साथ हुए गलत व्यवहार को लेकर अब सुप्रीम कोर्ट ने कड़े सवाल पूछना शुरू कर दिया है |हिंसा के दौरान तीन महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने और उनका यौन शोषण करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से पूछा कि घटना 4 मई की थी फिर एफआईआर दर्ज करने में 14 दिन क्यों लगे ? कार्रवाई वीडियो वायरल होने के बाद ही क्यों की गई इससे पहले पुलिस क्या कर रही थी ? कोर्ट ने कहा कि हम सिर्फ एक वीडियो को लेकर चिंतित नहीं हैं सरकार के हलफनामे से पता चलता है कि और केस भी हैं | अब हमे और वीडियो वायरल होने का इंतज़ार नहीं करना चाहिए | महिलाओं से अपराध की घटनाएं प. बंगाल, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और केरल में भी हो रही हैं | भारत की सभी बेटियों को सुरक्षा की ज़रूरत है | कोर्ट कोई मैकनिज़्म बनाते समय मणिपुर तक ही सीमित न रहे | इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि पूरे देश में महिलाओं के साथ अपराध होना दुर्भाग्यपूर्ण है | पर मणिपुर की घटना भयावह है उसे यह कहकर उचित नहीं ठहरा सकते कि एसी घटनाएं दूसरे राज्यों में भी हो रही हैं | कोर्ट ने कहा कि पुलिस ने पीड़िताओं को भीड़ के सुपुर्द कर दिया यह व्यवस्थागत हिंसा का हिस्सा है | हम नहीं चाहेंगे कि राज्य पुलिस इस मामले को हैंडल करे | कोर्ट ने स्वराज से पूछा, क्या आप यह कह रही हैं कि या तो सभी के लिए कुछ करें या किसी के लिए कुछ न करें ? इस पर स्वराज ने कहा कोर्ट को सभी मामलों पर ध्यान देना चाहिए | सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा हम देखेंगे कि राज्य सरकार ने अब तक क्या किया है | अगर सरकार के कदम संतोषजनक रहे तो हम कोई हस्ताक्षेप नहीं करेंगे | कोर्ट ने कहा राज्य में हीलिंग टच की ज़रूरत है | कोर्ट एक कमेटी गठित कर सकता है जिससे यह संदेश जाएगा कि कोर्ट ध्यान दे रहा है | कोर्ट ने पूछा कि सरकार पीड़ितों के पुनर्वास और राहत के लिए क्या कर रही है | कोर्ट ने मामले की जांच और पीड़ितों के बयान दर्ज करने के लिए एक एसआईटी और उच्च स्तरीय समिति गठित करने के संकेत दिए हैं | कोर्ट ने कहा उसका रुख इस बात पर निर्भर करेगा कि सरकार इस मामले में क्या कदम उठाती है |   

 

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सैफु द्घीन सैफी डॉ मीनू पाण्ड्य
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