भोपाल : 2/8/2023 : शहरी और ग्रामीण सरकारी स्कूलों में बच्चो को हर साल यूनिफ़ार्म देने का प्रावधान है लेकिन जिन स्व सहायता समूहों को ये ज़िम्मेदारी सौंपी गई है | यह समूह कपड़ा खरीदकर सिलाई करते हैं बच्चों के साइज के ड्रेस तैयार कर स्कूलों में भेजी जाती हैं | प्रति यूनिफ़ार्म की राशि समूहों के खाते में डाली जाती है | लेकिन ये समूह कपड़ा सस्ता ढूंढने के चक्कर में पिछले दो सालों से समय पर यूनिफ़ार्म उपलब्ध नहीं करा पा रहे हैं | जिला पंचायत भोपाल के सीईओ ऋतुराज सिंह ने बताया कि 75% से अधिक स्कूलों को ड्रेस उपलब्ध करा दी गई है | साइज के इश्यू को लेकर अभी कोई शिकायत नहीं मिली है जिन स्कूलों में भी यह शिकायत मिली है वहां विद्धार्थियों को ड्रेस बदलकर दी जाएगी | शहरी इलाक़ो के स्कूलों में तो अभी तक ड्रेस बांटी ही नहीं गई, इस कारण बच्चे अलग-अलग परिधानों में स्कूल पहुंच रहे हैं | भोपाल जिले के बैरसिया और फंदा ग्रामीण ब्लॉक के गांवों के स्कूलों में ड्रेस पहुंचा दी गई है | इतना ही नहीं स्कूल शिक्षा विभाग में अव्यवस्थाओं के चलते स्कूलों में ड्रेस की समस्या के साथ ही आठवीं कक्षा के विद्धार्थियों को पिछले साल की मार्कशीट इस साल दी जा रही है | इस मामले में तकनीकी गड़बड़ी होना बताया गया है जिसे हर स्तर पर सुधारा जा रहा है |
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