भोपाल : 04/08/2023 :( नुजहत सुल्तान ) डॉ. सरस्वती की अत्महत्या करने के बाद जीएमसी सवालों के कटघरे में हैं जीएमसी पर आरोप लगाए जा रहे हैं कि यहां डॉक्टरों के प्रति व्यवहार ठीक नहीं है | डॉक्टरों को पीड़ित किया जाता है, सरस्वती की आत्महत्या को लेकर यहाँ के जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल तीन दिन बाद भी जारी रखी | उनका कहना है कि एचओडी डॉ. अरुणा कुमार को पद से हटाया जाए क्योंकि उनके डर से ही डॉ. सरस्वती ने सुसाइड किया है, क्योंकि सरस्वती गर्भवती थी, और एचओडी के डर से उन्होने गर्भवती होने की बात छुपाई थी | वे डरती थीं कि कहीं एचओडी को गर्भवती होने की बात पता चली तो उनकी थीसिस अधूरी रह जाएगी | छात्राओं का आरोप है कि हमें कहा जाता है कि यहां पढ़ना है तो शादी नहीं करना है, और अगर शादी कर भी लो तो बच्चा पैदा नहीं करना वरना अच्छी डॉक्टर कैसे बन पाओगी | वहीं, ग्वालियर निवासी डॉ. कार्तिक ने इसी साल जीएमसी से एमबीबीएस की डिग्री हासिल की है | वह यहां से इंटर्नशिप कर चुके हैं, उन्होने डॉ. सरस्वती के सुसाइड के दो दिन बाद दवा का ओवरडोज़ लिया और अपनी जान देने की कोशिश की, इलाज के लिए उन्हें हमीदिया के मेडिसिन आईसीयू में भर्ती किया गया है | सुसाइड की कोशिश से पहले कार्तिक ने अपने व्हाट्सएप पर स्टेटस भी डाला लिखा कि ‘बदलाव के लिए एकजुट हों’ उन्होने कहा दोषियों को सज़ा मिलनी चाहिए सरस्वती के लिए न्याय की मांग करते हुए लिखा कि ऐसा न हो कि एक मेडिकल कॉलेज कब्रिस्तान में तब्दील हो जाए | उन्होने लिखा, द लास्ट कॉल, द लास्ट टेक्स्ट, द लास्ट हेलो, द लास्ट गुड बाय एंड द लास्ट ब्रीथ | जीएमसी डीन डॉ. अरविंद राय का कहना है कि जो आरोप छात्रो ने लगाए हैं और जो समस्याएं बताई हैं, उनकी पहले किसी ने शिकायत नहीं की, सभी तरह की शिकायतों की जांच चल रही है इसके लिए कमेटी बनाई गई है इधर, सभी आरोपों को गलत ठहराते हुए डॉ. अरुणा कुमार ने कहा कि जूनियर डॉक्टर मेडिकल टीचर्स एसो. के बहकावे में आकर मुझे जबरन बदनाम कर रहे हैं, इन सबका पर्दा फ़ाश करूंगी |
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