भोपाल : 23/08/2023 : नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने केरवा और कलियासोत डेम के बफर एरिया में अतिक्रमण और अवैध निर्माणों को लेकर एक महीने के भीतर स्थिति स्पष्ट करने को कहा है | 20 सितंबर को इस मामले में दोबारा सुनवाई होना है, सुनवाई होने तक रिपोर्ट पेश करना होगी | इसके साथ ही उन 14 रसूखदार अवैध निर्माणकर्ताओं को भी अपना पक्ष एनजीटी के सामने रखना होगा | जिन्हें हाल में नोटिस थमाए गए हैं | एनजीटी ने कहा कि, अगली सुनवाई के दौरान मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस और प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन दोनों वर्चुअल मोड पर उपस्थित रहेंगे | फैसले में कहा गया है कि, मुख्य सचिव को 5 लाख रुपए की कॉस्ट के बदले एक महीने की मोहलत देते हैं | वे खुद तय करें कि, हलफनामा दाखिल न करने के लिए कौन सा विभाग या एजेंसी जिम्मेदार है | मंगलवार को जारी हुए एनजीटी के आदेश में लिखा – हमें अपना असंतोष रिकॉर्ड पर रखते हुए खेद है कि मुख्य सचिव ट्रिब्यूनल द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देने के लिए तैयार नहीं है | उन्होने कुछ समय ओर मांगा है | हैरानी की बात तो यह है कि, आदेश पारित होने के 20 दिनों की अवधि में राज्य के सर्वोच्च अधिकारी विषय से ही अवगत नही हैं | मप्र शासन के जिम्मेदार अफसरों को यह अहसास होना चाहिए कि, अदालतें और ट्रिब्यूनल केसों की सिर्फ तारीख आगे बढ़ाने वाली संस्थाएं नहीं हैं बल्कि, फ़ैसला लेने वाली संस्थाएं हैं | वकीलों और सरकार के जिम्मेदार अफसरों को न्यायालय की मदद के लिए ईमानदार प्रयास करने चाहिए, ताकि बिना किसी देरी के लोगों को न्याय मिल सके | बार-बार तारीख आगे बढ़ाते रहने से न्याय का मूल उद्देश्य ही भटक जाता है |
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