भोपाल : 31/08/2023 :( नुजहत सुल्तान ) केंद्र सरकार की पीएम स्वनिधि योजना के क्रियान्वयन में जून तक देश में अव्वल रहने वाला मप्र अब पिछड़ता जा रहा है | कोरोना में बुरी तरह प्रभावित हुए स्ट्रीट वेंडर्स को अपना कारोबार फिर से शुरू करने के लिए शुरू की गई योजना के तहत अभी तक मप्र में करीब 10.40 लाख आवेदक पात्र पाए गए हैं, लेकिन लोन मंजूर सिर्फ 8.82 लाख का ही हो सका है | इनमें से भुगतान भी 8.39 लाख को ही हुआ है | यानि पात्र होने के बावजूद भी 1.58 लाख आवेदकों को लोन मंजूर होने का इंतज़ार है | केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, मप्र ने योजना में 88% लक्ष्य पूरा कर लिया है, लेकिन 3 महीने में उत्तर प्रदेश 90% लक्ष्य हासिल कर आगे निकल गया | वहीं गुजरात 82% के साथ तीसरे स्थान पर है | मप्र के पीछे होने की सबसे बड़ी वजह ये है कि, बैंकों का सपोर्ट पहले की तरह नहीं मिल रहा है | और नगरीय निकायों का फोकस भी योजना से घट गया है | स्ट्रीट वेंडर्स को लोन देने के मामले में शहरों में इंदौर चौथे स्थान पर है, भोपाल 11वें पायदान पर है | 20 हज़ार आवेदनों का यदि जल्द निराकरण कर लिया जाए तो भोपाल भी टॉप टेन शहरों में शामिल हो सकता है | बेस्ट परफॉर्मर ब्रांच में मप्र की एक भी बैंक नहीं है, जबकि, देशभर में सर्वाधिक पेंडेंसी वाली 15 बैंक शाखाओं में से 3 मप्र की ब्रांच हैं | कई बैंकों में स्ट्रीट वेंडर्स के लोन मंजूर होने के बाद भी लंबित हैं |
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