भोपाल : 04/09/2023 : शहर के अलग-अलग इलाकों से नसबंदी ऑपरेशन के नाम पर उठाकर लाए गए बेजुबान कुत्तों पर जुल्म की कहानी बयां करती पेट लवर कविता भावनानी ने बताया कि, शहर को स्वच्छ सर्वेक्षण में नंबर वन लाने के लिए नगर-निगम कुत्तों पर जुल्म कर रहा है | नसबंदी के बाद कुत्तों को एक महीने में छोड़ने का नियम है, लेकिन कविता का कहना है कि, जब वे अरवलिया स्थित एबीसी सेंटर पहुंची तो तब वहां महीने भर से पहले पकड़े गए कुत्ते भी पिंजरों में कैद मिले | इसकी शिकायत नगर-निगम के अधिकारियों से भी की गई है | कविता का आरोप है कि, एक पिंजरे में तीन-चार कुत्ते मिले | लगातार पिंजरों में रहने से कुत्ते इतने कमजोर हो गए कि, भौंक तक नहीं पा रहे | जबकि, नियम यह है कि, एबीसी सेंटर लाए गए कुत्तों को नसबंदी कर एक हफ्ते में वापस उसी स्थान पर छोड़ा जाता है | जहां से उसे लाया गया था जबकि, पेट लवर कविता की ओर से बनाए गए वीडियो में नज़र आ रहे कुत्तों के पिंजरों पर दर्ज तारीख से पता चलता है कि, इन कुत्तों को तीन तो किसी को चार हफ्ते से भी ज़्यादा समय हो चुका है | कविता का आरोप है कि, शनिवार की दोपहर कुत्तों की दुर्दशा देखने के बाद उन्होने नगर-निगम के अधिकारियों से बात कर शिकायत दर्ज कराई थी | इसके बाद हरकत में आए डॉग स्क्वायड के अमले ने रात में ही एबीसी सेंटर में रखे गए इन कुत्तों को जहां-तहां छुड़वा दिया है |
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