भोपाल : 08/09/2023 :( नुजहत सुल्तान ) राजधानी के 85 वार्डों में आम जनता की सुविधा के लिए 50 सामुदायिक भवन हैं, जिनके मेंटेनेंस पर नगर-निगम ने 2 साल में 1 करोड़ रुपया खर्च कर उन्हें खूबसूरत बनाया लेकिन उनकी खूबसूरती पर लगाया गया पैसा अब नगर-निगम को महंगा पड़ रहा है | दरअसल, 50 सामुदायिक भवनों में से 20 ऐसे हैं जिनमें पिछले 1 साल से कोई भी आयोजन नहीं हुआ है जबकि, दो साल में इनके मेंटेनेंस पर एक करोड़ रुपए निगम प्रशासन खर्च कर चुका है, और कमाई 30 लाख रुपए भी नहीं हुई है | सोनागिरी में नाले किनारे 15 साल पहले 10 लाख रुपए से सामुदायिक भवन बनाया गया | तीन-चार साल तक इसकी बुकिंग हुई | यहां विवाह समारोह के अलावा सामाजिक सांस्कृतिक आयोजन भी होते थे लेकिन धीरे-धीरे देखरेख बंद हो गई | अब यह भवन खंडहर हो चुका है | न्यू सुभाष नगर में पांच साल पहले 8 लाख रुपए से सामुदायिक भवन तो बना दिया, लेकिन दो साल से किसी भी आयोजन के लिए बुकिंग नहीं हुई | 30 हज़ार रंगाई-पुताई और दरवाजे लगवाने में खर्च किए गए | जितना पैसा नगर-निगम अब तक इन भवनों पर खर्च कर चुका है उसका आधा भी नहीं मिला है | इस समस्या के समाधान के लिए छह माह पहले सामुदायिक भवनों की पीपीपी मोड पर देने को लेकर कार्य योजना भी बनाई गई थी, लेकिन उस पर भी अमल नहीं हुआ | 15 साल पहले इंद्रपुरी में 44 लाख रु. लगाकर सामुदायिक भवन बना था, लेकिन देखरेख और सुरक्षा के अभाव में वह बदहाल हो गया | उसके बाद इसके रिनोवेशन पर 5 लाख रु. भी खर्च किए गए | शुरू में यहां बिजली, पानी सहित अन्य सुविधाएं थी, आए दिन कार्यक्रम भी होते थे, लेकिन अब यहां न तो पीने के पानी की कोई सुविधा है और न बीजली की फिलहाल अभी यहां नगर-निगम की कचरे की गाड़ियां खड़ी होती हैं और देर रात तक असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है |
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