भोपाल : 09/09/2023 :( नुजहत सुल्तान ) हमेशा से अपनी कोई न कोई कमी की वजह से सुर्खियों में रहा जेपी अस्पताल में अब एक ओर नई समस्या देखने को मिली यहां रोजाना करीब 2000 लोग इलाज कराने पहुँचते हैं | मरीजों की सुविधा के लिए यहां पाँच साल पहले टोकन सिस्टम शुरू किया गया था, ताकि मरीजों को घंटों लाइन में न लगना पड़े और उन्हें टोकन नंबर से बारी-बारी डॉक्टर के पास बुला लिया जाए | लेकिन यहां तो कुछ ओर ही नज़ारा है यहां मरीज घंटों लंबी-लंबी कतारों में लगकर अपना नंबर आने का इंतज़ार करते हैं | यहा पर्चे बनाते समय तो नंबर डाल दिया जाता है, लेकिन जब डॉक्टर के पास दिखाने जाओ तो यहां डिस्प्ले बोर्ड पर नंबर शो नहीं होता यहां सिर्फ रेड लाइन दिखाई पड़ती है | जिससे मरीजों को लाइनों में खड़े रहकर अपना नंबर आने का इंतज़ार करना पड़ता है | लेकिन अस्पताल प्रबंधन के हिसाब से तो टोकन सिस्टम पूरी तरह चालू है वह तो मरीजों को ही व्यवस्था बिगाड़ने के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं | उनका कहना है कि, ओपीडी के समय कई मरीज जबरन डॉक्टर के रूम में घुसने का प्रयास करते हैं जिससे पूरी व्यवस्था गड़बड़ हो जाती है | लेकिन मरीजों और अन्य स्टाफ से डिस्प्ले बोर्ड के बारे में जानकारी ली गई तो पता चला कि, यह तो पिछले डेढ़ साल से बंद है अगर चालू होता तो लोग लाइन में लगकर धक्के क्यों खाते | मरीजों ने तो यह भी कहा कि, अस्पताल में इलाज कराने आए मरीजों और उनके परिजनों से पार्किंग के कर्मचारी अधिक पैसा वसूलते हैं | जिसे लेकर यहां अक्सर बहस होती है, दरअसल, टोकन डिस्प्ले सिस्टम बंद होने के कारण अस्पताल में लंबी-लंबी लाइनें लगने लगती हैं | ऐसे में मरीजों को अधिक समय लगने की स्थिति में इलाज के लिए आने वालों से पार्किंग के कर्मचारी अधिक शुल्क की मांग करने लगते हैं | इसी कारण यहां आए दिन विवाद होने की नौबत तक आ जाती है |
|