भोपाल : 09/09/2023 :( नुजहत सुल्तान ) राजधानी में लंपी वायरस ने अपने पैर पसार लिए हैं, भोपाल में फैले लंपी वायरस ने अब तक पहली बार 8 गोवंश को मौत की नींद सुलाया है | पिछले साल यहां एक ही गाय की जान लंपी से गई थी | दरअसल, इस सीजन में लंपी वायरस से पीड़ित पहला गोवंश 20 अगस्त को मिला था | तीसरे दिन ही इसकी मौत हो गई थी, इसके बाद से लंपी संक्रमण से होने वाली मौतों का सिलसिला जारी है | एक दिन में सबसे ज़्यादा 4 मौतें गुरुवार को हुई हैं | इससे पहले चार सितंबर को एक और 29 अगस्त को भी एक मौत हो चुकी है | पिछले साल राजस्थान में 70 हज़ार से अधिक गोवंश की मौत लंपी वायरस से हुई थी | इस साल भोपाल में भी लंपी वायरस से पीड़ित गोवंश अधिक मिल रहे हैं | जहांगीराबाद स्थित पशु आश्रय स्थल आसरों में ही अब तक 39 गोवंश आ चुके हैं | 8 की मौत के बाद यहां 31 तो अब भी हैं | इनमें से भी चार की हालत तो बहुत गंभीर है | वहीं, पशु मालिकों के पास भी 30 से ज़्यादा गोवंश में लंपी के लक्षण सामने आए हैं | इनका भी इलाज किया जा रहा है | राजस्थान में लंपी से दूध देने वाली गाय की मौत होने पर 40 हज़ार रु. मुआवजे का प्रावधान है | एक पशु मालिक को अधिकतम दो दुधारू गाय के लिए मुआवजा मिलता है | वहां सरकार ने 52 हज़ार से अधिक पशु मालिकों को 175 करोड़ रु. मुआवजा बांटा है | वहीं भोपाल में लक्षण के आधार पर पॉज़िटिव मान रहे हैं | ऐसे में अगर आने वाले दिनों में बीमारी ने महामारी का रूप लिया तो बिना जांच करने वाले गोवंश को लंपी संक्रमित कैसे माना जाएगा
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