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ट्रैफिक रूल्स तोड़ने पर सिर्फ मप्र के वाहन चालकों पर हो रही कार्रवाई दूसरे राज्यों के वाहनों पर कोई सख्ती नहीं |

भोपाल : 14/09/2023 :  जून 2018 में शुरू हुए स्मार्ट सिटी कंपनी के इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम ( आईटीएमएस ) से चालान बनाने में भेदभाव किया जा रहा है | स्मार्ट सिटी के आईटीएमएस के तहत 4 तरह के कुल 332 कैमरे लगे हुए हैं | इनकी मदद से संदिग्ध वाहनों की निगरानी भी आसानी से की जा सकती है | अगर मप्र में रजिस्टर्ड वाहन चलाने वाले ट्रेफिक रूल्स तोड़ दे तो इन पर ऑनलाइन चालान की कार्रवाई की जा रही है | लेकिन अगर दूसरे राज्यों के वाहन चालक ट्रैफिक रूल्स तोड़ दे तो इन पर किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की जाती | कार्रवाई को लेकर ये भेदभाव पिछले 5 सालों से हो रहा है | रोजाना मप्र के वाहनों के 600 चालान बनाने वाले स्मार्ट सिटी के आईटीएमएस के कैमरे भी दूसरे राज्यों के वाहनों पर चालानी कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं | जब इस मामले में पूछताछ की गई तो पता चला कि, स्मार्ट सिटी का आईटीएमएस सिर्फ एमपी के वाहनों से जुड़ी डीटेल ही निकाल पाता है | दूसरे राज्यों के वाहनों की डीटेल निकालने के लिए एनआईसी से इंटीग्रेशन होना ज़रूरी है जो कि अधिकारी 5 साल बाद भी नहीं करा पाए हैं | अफसरों से पूछताछ की गई तो उन्होने कहा कि, इसकी प्रक्रिया चल रही है जल्द ही दूसरे राज्यों के वाहनों के चालान भी बनने लगेंगे | आईटीएमएस सिस्टम से अभी हर साल सवा करोड़ का राजस्व प्राप्त हो रहा है, 2018 की बात करें तो 5 लाख से अधिक चालान इसी आईटीएमएस की मदद से जनरेट किए जा चुके हैं | लेकिन इनसे यदि ट्रेफिक रूल्स तोड़ने पर अन्य प्रदेशों के वाहनों पर भी चालान बनाने की व्यवस्था होती तो राजस्व का आंकड़ा डेढ़ गुना तक बढ़ने की उम्मीद थी | दूसरे राज्यों के करीब 10 हज़ार से अधिक वाहन मप्र की सड़कों पर बेखौफ ट्रेफिक रूल्स तोड़ रहे हैं जिनकी लंबे समय से अफसरों द्वारा अनदेखी की जा रही है |  

 

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सैफु द्घीन सैफी डॉ मीनू पाण्ड्य
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