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हमीदिया अस्पताल में 15 तरह की जांच करने वाली मशीन 3 महीने से खराब पड़ी मरीजों को निजी लैब से जांच कराना पड़ रहा महंगा |

भोपाल : 15/09/2023 :( नुजहत सुल्तान )  शहर के बड़े सरकारी अस्पतालों में शुमार होने वाला हमीदिया अस्पताल अपनी किसी न किसी कमी के कारण चर्चा में रहता है कभी वहां  पार्किंग के कर्मचारी मरीजों और उनके परिजनों से विवाद करते हैं, तो कभी दवाओं के अभाव से मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है | दवाओं की कमी के साथ साथ अब मरीजों की 15 तरह की जांच करने वाली मशीन भी करीब 3 महीने से खराब पड़ी है | जिसके चलते मरीजों को निजी लैब से जांच कराकर लाना पड़ रहा है | दरअसल, ये मामला नई और पुरानी आउटसोर्स कंपनी के बीच चल रही गफलत के कारण सामने आया है | अभी तक अस्पताल में जिस मशीन से जांच की जा रही थी वह पुरानी आउटसोर्स एजेंसी की है | जो 22 जून से खराब है | अब काम का जिम्मा दूसरी आउटसोर्स एजेंसी को दिया गया है | नई कंपनी ने अपना सेटअप लगाया है | लेकिन अभी जांच करना शुरू नहीं किया है | पुरानी एजेंसी की मशीन को सुधारने में करीब 4 लाख रु. का खर्चा आएगा | कंपनी ने कहा है कि जब उनको रिएजेंट्स और जांच किट सप्लाई के लिए ऑर्डर ही नहीं दिए जा रहे हैं, तो हम मशीन क्यों सुधारे यही वजह है कि, 22 जून से यहां मरीजों की जांचे ही नहीं हो रही है | कुरावर निवासी अनिल राठौर ने बताया कि मेरी बहन की तबीयत खराब है, डॉक्टर को दिखाने लाए है | उन्होने कुछ जांचे लिखी हैं, लैब में मशीन खराब होने की बात कहकर लौटा दिया | बाहर से जांच कराने सैंपल दिया तो 1500 रु. खर्च हुए हैं | हमीदिया में रोजाना 400 से भी ज़्यादा मरीजों को जांच की जरूरत होती है | इनमें से सबसे ज़्यादा मरीज वे होते हैं, जो उसी दिन ओपीडी में दिखाने आए हैं | डॉक्टर पर्चे पर जांच तो लिख देते हैं लेकिन जांच की कोई सुविधा यहां उपलब्ध नही है | ऐसे में मरीजों को बाहर की लैब पर जाकर जांच करानी होती है | इसे न सिर्फ पैसा खर्च होता है बल्कि, आने-जाने में मरीज को परेशानी भी होती है समय भी अधिक लगता है | 

 

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प्रधान संपादक समाचार संपादक
सैफु द्घीन सैफी डॉ मीनू पाण्ड्य
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